मध्य प्रदेश के श्योपुर में एक हिंदू लड़के से शादी करने पर समुदाय विशेष की महिला को अपने समुदाय की प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। रवीना शर्मा (विवाह के बाद बदला हुआ नाम) नाम की इस महिला के अब्बू की जब मौत हुई, तो उसके समुदाय द्वारा कब्रिस्तान में दफनाने से उन्हें रोक दिया गया। यहाँ तक कि बाद में पुलिस विभाग में आईजी स्तर के हस्तक्षेप के बाद ही महिला के पिता के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो पाई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार (सितम्बर 06, 2020) को सलपुरा कब्रिस्तान के पास पुराने घरों में रहने वाली रवीना के अब्बू इदा खान की मौत हो गई। लेकिन समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने शव को कब्रिस्तान में दफनाने का विरोध किया। रवीना ने अपने समुदाय के लोगों से बहुत प्रार्थना की लेकिन उनकी बातों का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं हुआ।
रवीना का अपराध यह था कि उसने कुछ ही समय पहले एक हिन्दू युवक से लव मैरिज की थी। और इसी कारण उसके पहले मजहब के लोगों ने उसे सबक सिखाने का यह अमानवीय तरीका अपनाया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जब रवीना के अब्बू इदा खान का शव कब्रिस्तान में दफनाने से रोका गया तो उसने स्थानीय पुलिस से मदद माँगी लेकिन पुलिस से भी उसे कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद चंबल आईजी से फोन पर मदद माँगी गई और स्थानीय पुलिस मदद के लिए मौके पर पहुँची। मौके पर पुलिस के पहुँचने के बाद ही रवीना के अब्बू इदा खान का अंतिम संस्कार हो पाया।
पुलिस ने कहा – मजहब नहीं बल्कि कब्रिस्तान की जमीन को लेकर है विवाद
बताया जा रहा है कि इस कब्रिस्तान की जमीन पर वक्फ कमेटी और इदा खान के बीच एक केस चल रहा है। इसी विवाद के चलते कब्रिस्तान की भूमि पर एक घर के निर्माण को लेकर इदा खान की बेटी रवीना शर्मा की रिपोर्ट पर एक FIR भी दर्ज की गई थी। पुलिस का कहना है कि पिछले दिनों ही जमीन पर मकान बनाने को लेकर 30 लोगों ने इदा खान पर हमला भी किया था।
हालाँकि, रवीना ने आरोप लगाया है कि उसके समुदाय के लोग इस कारण भी उससे नाराज हैं क्योंकि उसने अपने मजहब के बजाए एक हिन्दू युवक से विवाह किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, श्योपुर पुलिस का कहना है कि शव को दफनाने से रोका जरूर गया था, लेकिन किसी अन्य धर्म में बेटी की शादी को लेकर विवाद जैसी कोई बात नहीं थी।