UP के गाजियाबाद में उमर मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति पर गोद लिए एक मुस्लिम बच्चे का खतना करने का आरोप लगा है। हालाँकि पुलिस के पूछे जाने पर उमर मोहम्मद बच्चे के जरूरी कागजात नहीं दिखा पाया। पीड़ित बच्चे की उम्र महज 9 साल है। पुलिस ने आरोपित उमर मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया है। इस केस में 4 अन्य आरोपित अभी फरार हैं। उमर ने बच्चे को 7 जून को उसे पालने-पोषने वाले मिथलेस और सोनी से गोद लिया था।
UP के जिला गाजियाबाद में उमर मोहम्मद ने एक अनाथ हिंदू बच्चे को गोद लिया और खतना कराकर उसका धर्मांतरण करा दिया।
— Sachin Gupta | सचिन गुप्ता (@sachingupta787) June 11, 2022
उमर मोहम्मद अरेस्ट है, गोद लेने–देने की प्रक्रिया में शामिल 4 लोग फरार हैं। बच्चे को बालग्रह भेजा गया। #Ghaziabad pic.twitter.com/V7KjWRBjrZ
घटना कवि नगर थाना क्षेत्र के लोहामंडी की बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपित उमर मूल रूप से UP के ही बुलंदशहर का निवासी है। पीड़ित लड़का मूल रूप से बिहार का बताया जा रहा है। बच्चे के माता-पिता की मौत एक सड़क हादसे में काफी पहले हो गई थी। तब पीड़ित लड़का काफी छोटा था। इसके बाद से ही मिथलेश और सोनी नाम के पति-पत्नी उसकी देखभाल कर रहे थे।
कुछ समय बाद इन दोनों पति-पत्नी ने बच्चे को उमर मोहम्मद को दे दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उमर मोहम्मद बच्चे को लगातार टार्चर कर रहा था। उसके साथ रोजाना मार-पीट की जाती थी। उसके शरीर पर चोट के निशान मिलने का भी दावा किया गया है। कुछ लोगों का दावा है कि उन्होंने उमर को बच्चे का धर्मांतरण करवाने से मना किया पर वो नहीं माना। इस पूरे मामले की गाजियाबाद पुलिस को शिकायत ट्वीट के माध्यम से हुई थी। इसके बाद पुलिस ने बच्चे को रेस्क्यू करवाया।
वहीं दैनिक जागरण के मुताबिक, अभी तक बच्चे के पिता की जानकारी नहीं हो पाई है और बचपन में उसकी माँ की मृत्यु होने पर उसने पिता पर खुद को मुस्लिम व्यक्ति के हाथों बेचने का आरोप लगाया है। लोहामंडी चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर इस मामले में शिकायतकर्ता हैं। उन्होंने इस केस में उमर मोहम्मद, बच्चे को उमर मोहमद को सौंप देने वाली सोनी उर्फ़ कुन्नी देवी, उनके पति मिथलेश यादव और मोहम्मद उमर की बीवी बबली को आरोपित किया है। मोहम्मद उमर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस बाकी आरोपितों की भी गिरफ्तारी के भी प्रयास कर रही है।
बताया जा रहा है कि मोहम्मद उमर उर्फ़ जुल्फिकार ने बच्चे को सिर्फ नोटरी के माध्यम से गोद लिया था। जबकि नियमानुसार केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की वेबसाइट पर आवेदन कर के ही बच्चा गोद लिया जा सकता है। गुरुवार (9 जून 2022) को बच्चे को बाल कल्याण समिति ने बाल संरक्षण गृह भेज दिया गया है। बच्चे की काउंसिलिंग भी करवाई जा रही है। खबर है कि बच्चे के कोर्ट में बयान के बाद आरोपितों पर मानव तस्करी की भी धारा बढ़ाई जा सकती है।