29 नवम्बर, 2005 में हुई पूर्वांचल के बहुचर्चिर कृष्णानंद हत्याकांड में मुख़्तार अंसारी और उसके भाई अफ़ज़ाल अंसारी को 29 अप्रैल, 2023 को कोर्ट ने सजा सुना दी है। मुख़्तार को 10 और अफ़ज़ाल को 4 साल की सजा हुई है। अफ़ज़ाल की संसद सदस्य्ता भी इसी सज़ा के साथ समाप्त हो गई। कृष्णानंद राय हत्याकांड में 400 राउंड गोलियाँ चली थीं, जिसमें 2 पुलिसकर्मियों सहित कुल 7 लोगों की जान गई थी। इन 7 लोगों में एक थे अखिलेश राय।
अखिलेश राय कृष्णानंद राय के खास सहयोगियों में से गिने जाते थे। घटना के समय वो कृष्णानंद राय के ही बगल बैठे थे। ऑपइंडिया की टीम ने अखिलेश राय के भाई शिवजी राय से बात कर के इस विषय में और अधिक जानकारी ली।
नाकाफी है 10 साल की सजा, मिले उम्रकैद
शिवजी राय मूल रूप से गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वो और उनका परिवार मुख़्तार और उसके भाई को मिली सज़ा से संतुष्ट नहीं है। 10 और 4 साल की सजा को नाकाफी बताते हुए शिवजी राय ने कहा कि मुख़्तार और अफ़ज़ाल को कम से कम आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए। शिवजी ने अफजाल को हत्या की साजिश में शामिल, मुख़्तार का राजनैतिक सहयोगी और गुनाहों का संरक्षक बताया।
भाई की हत्या का कारण पूछने शिवजी राय ने बताया कि मुख़्तार अंसारी को अपना वर्चस्व टूटना हजम नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि कृष्णानंद राय ने अफ़ज़ाल को उस जगह हराया जिसे वो अपनी फिक्स सीट समझते थे और यही हार मुख़्तार को रास नहीं आई। शिवजी ने कहा, “उसका सारा काम सरकार के संरक्षण में चल रहा था। उसे न कोई रोक रहा था और न ही टोक रहा था। विधायक जी (कृष्णानंद राय) ने उसे हरा दिया। उसका वर्चस्व टूट गया।”
हिन्दुओं की एकजुटता भी सह नहीं पाया मुख़्तार
शिवजी राय का मानना है कि कृष्णानंद राय हत्याकांड की एक और वजह ये थी कि वो हिन्दुओं को एकजुट करने के प्रयासों में लगे हुए थे। शिवजी राय के अनुसार, मुख़्तार अंसारी की गैंग हिन्दुओ को हिन्दुओं से लड़ा कर ही अपनी बादशाहत कायम किए हुए थे। बकौल शिवजी, इसी बिखरे हिन्दू समाज को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय एकजुट कर रहे थे और मुख़्तार को ये प्रयास अपने राजनैतिक भविष्य के लिए खतरा लगा। शिवजी राय ने अपने भाई को भी हिन्दुओं की एकजुटता के प्रयास में दिवंगत कृष्णानंद राय का सहयोगी बताया।
सपा सरकार में पूर्वांचल का सेकेंड मुलायम सिंह कहा था था मुख्तार अंसारी.#MukhtarAnsari द्वारा कत्ल कराए गए अखिलेश राय के भाई शिवजी ने कहा- "घर छोड़ कर छिपना पड़ा था हमें, वरना हो जाती हमारी भी हत्या"
— Rahul Pandey (@STVRahul) May 16, 2023
"हिंदुओं को एकजुट कर रहे थे कृष्णानंद राय इसलिए उन्हें भी मार डाला"@upgovt pic.twitter.com/sz2QUBSa36
गौरतलब है कि मऊ जिले से जिला पंचायत सदस्य प्रिंस यादव ने भी मुख़्तार अंसारी पर हिन्दू को हिन्दू से लड़ाने का आरोप लगाया था।
सेकेंड मुलायम सिंह था मुख़्तार अंसारी
समाजवादी पार्टी के शासन काल की याद दिलाते हुए मृतक अखिलेश राय के भाई ने बताया कि उस सरकार में मुख़्तार अंसारी को पूर्वांचल का ‘सेकेंड मुलायम सिंह’ कहा जाता था। उन्होंने बताया, “जो वो (मुख़्तार) चाहता था वही होता था। खुलेआम मऊ में दंगा करवाया। खुलेआम जीप पर चढ़ कर घूमा। कुछ नहीं हुआ। यहाँ दिन दहाड़े AK-47 से 400 राउंड गोलियाँ चलीं कुछ नहीं हुआ उसे।” योगी सत्ता में हुए बदलाव का जिक्र करते हुए शिवजी राय ने कहा कि अब लोग निडर हो कर गवाही दिए जिस से मुख़्तार को सजा हुई।
शिवजी राय ने मुख़्तार अंसारी को प्रयागराज के अतीक अहमद की तरह ही अपराधी बताया। उन्होंने कहा कि मुख़्तार जमीन कब्ज़े और लूटमार में हमेशा आगे रहता था। शिवजी ने कहा, “जैसे अतीक वहाँ इलाहबाद में करता था कि आपकी प्रॉपर्टी हमें पसंद आ गई तो ये आज से हमारी। ये (मुख़्तार) वैसे ही लूटता था। अक्सर पैसा भी नहीं देता था और देता भी था तो औने-पौने दाम पर।”
लम्बी लड़ाई, बहुत कुछ झेला
भाई की हत्या से ले कर मुख़्तार को मिली सजा के लगभग 17 वर्षों के अंतराल को शिवजी राय ने बेहद संघर्ष का समय बताया। उन्होंने बताया, “हम लोग यहाँ कोई काम नहीं कर सकते थे। मैं खुद ये जगह (गाजीपुर) छोड़ कर कहीं और चला गया था। हमें धमकियाँ आतीं थीं। मेरा छोटा भाई गवाह था उसे भी धमकाया जाता था कि गवाही मत करो वरना तुम भी जान से मार दिए जाओगे।” शिवजी के अनुसार मुख़्तार उसी को डराता है जो उस से डर जाए लेकिन वो लोग डरे नहीं और गवाही भी दी जिसके चलते अब उसे सजा हो पाई है। शिवजी का यह भी दावा है कि उनके भाई की हत्या वाले केस में कई अन्य गवाह मुख़्तार से डर से सरेंडर भी हुए हैं।
खुद को किसान परिवार से बताते हुए शिवजी राय ने कहा कि उनके भाई ठेकेदारी आदि कर के परिवार का गुजारा करते थे। उनकी हत्या के बाद परिवार ने काफी दिनों तक आर्थिक तंगी झेली। मृतक अखिलेश राय की एक बच्ची थी। अब उनकी पत्नी और लड़की की देखरेख परिवार के बाकी सदस्य मिल कर करते हैं। दिवंगत अखिलेश राय की बेटी फ़िलहाल अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है।
अभी खत्म नहीं हुआ माफिया का नेटवर्क
अखिलेश राय के भाई शिवजी ने हमें बताया कि मुख़्तार अंसारी लोगों को अपने फायदे के हिसाब से प्रयोग किया करता था। उन्होंने दावा किया कि अपनी नेकी का एक फर्जी आभामंडल मुख़्तार ने बना रखा था जिसे उसके ही गुर्गे प्रचारित किया करते थे। ED और पुलिस सहित कई अन्य जाँचे झेल रहे मुख़्तार के बारे में शिवजी ने आगे बताया कि अभी पूरी तरह से मुख़्तार का नेटवर्क ध्वस्त नहीं हुआ है।
हालाँकि, शिवजी ने उम्मीद जताई कि अगर बाबाजी (योगी आदित्यनाथ) की सरकार बनी रही तो मुख़्तार को उसके एक-एक किए की सजा जरूर मिलेगी।