उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर कानूनी शिकंजा बेहद तेजी से कसता जा रहा है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई गई। साथ ही उस पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, उसके भाई अफजाल अंसारी पर फैसला आना बाकी है।
दरअसल, मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी पर बीजेपी विधायक रहे कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप था। यही नहीं, मुख्तार पर कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूँगटा का अपहरण और हत्या का आरोप था। इस मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में शनिवार (29 अप्रैल, 2023) को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत सुनवाई करते हुए मुख्तार अंसारी को 10 की सजा सुनाई है।
चूँकि, अफजाल अंसारी बीएसपी सांसद है। ऐसे में, यदि उसे 2 साल से अधिक की सजा होती है तो उसकी सांसदी जाना तय माना जा रहा है। ज्ञात हो कि मुख्तार अंसारी पहले से ही यूपी की जेल में बंद है। वहीं, अफजाल अंसारी जमानत पर बाहर था। लेकिन, सज़ा मिलने के बाद उसे जेल जाना होगा।
जेल में रहेंगे या ऊपर जाएँगे: अलका राय
कोर्ट के इस फैसले पर बीजेपी विधायक रहे कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय का बयान सामने आया है। अलका ने कहा कि है वह न्यायपालिका में विश्वास करती हैं। गुंडों, माफियाओं का राज खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब या तो ये जेल में रहेंगे या फिर ऊपर चले जाएँगे।
क्या है मामला
बता दें कि 29 नवंबर, 2005 को मोहम्दाबाद से तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी। अंसारी ब्रदर्स और उनके गुर्गों ने कृष्णानंद राय समेत अन्य पर 400 राउंड से अधिक फायरिंग की थी। वहीं, जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा की उनके घर से अपहरण कर हत्या कर दी गई थी।
मुख्तार का आपराधिक इतिहास
मुख्तार अंसारी सिर्फ यूपी का ही नहीं, बल्कि देश के सबसे बड़े गैंगस्टर्स में से एक है। उसका आपराधिक नेटवर्क यूपी, बिहार, पंजाब के अलावा गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश तक फैला है। उसके खिलाफ देश भर में 61 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 24 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ सन 1988 में गाजीपुर कोतवाली में हत्या का पहला मामला दर्ज हुआ था। मंडी परिषद की ठेकेदारी को लेकर लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार का नाम सामने आया था। उस पर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित 7 लोगों की भी हत्या का आरोप था, लेकिन सीबीआई जाँच के बावजूद मुख्तार बरी हो गया।
कुख्यात मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या के 18 मामले दर्ज हैं, जबकि हत्या के प्रयास के 10 मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार पर आतंकियों पर लगने वाले टाडा (TADA) और मकोका (MCOCA) से लेकर गैंगस्टर ऐक्ट, एनएसए और आर्म्स ऐक्ट के तहत भी मामले दर्ज हैं।
राजनीति और यूपी सरकार की कार्रवाई
इस बीच वह पाँच बार विधायक भी रहा। वह CPI और बसपा में रहा। अंतिम तीन चुनाव उसने जेल में रहते हुए जीता। इसके बाद उसने अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे अब्बास को सौंप दिया है। मुख्तार का भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बसपा का सांसद है। वहीं, अब्बास सुभासपा पार्टी से मऊ का विधायक है।
इस बीच यूपी सरकार मुख्तार, उसकी बीवी और बेटे सहित अन्य करीबियों की लगभग 448 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर चुकी है। इसके अलावा, 127 करोड़ रुपए की बेनामियों संपत्तियों का पता लगाया गया है, जिसे जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मुख्तार के 83 लाइसेंस को भी सरकार ने रद्द किया है।