विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार (अगस्त 31, 2020) को नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को एक ज्ञापन दिया। तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कपिल खन्ना ने की। ज्ञापन में पाकिस्तान से पिछले हफ्ते मुल्तान में अदालत परिसर से बरामद किए गए भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की सोने की मूर्तियों को सौंपने के लिए कहा गया।
ज्ञापन की एक प्रति भारत के विदेश मामलों के मंत्री एस जयशंकर को भी भेजी गई है। ज्ञापन में वीएचपी ने माँग की है कि मूर्तियों को पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग को सौंप दिया जाए ताकि इसे भारत वापस लाया जा सके और पूजा के लिए मंदिर में रखा जा सके।
The three member VHP delegation given a memorandum to the high commission of Pakistan in New Delhi to hand over the idols to the Indian high commission in Pakistan so that we could bring them in Bharat for worship. pic.twitter.com/hAjQtzVzK9
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) August 31, 2020
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तानी मीडिया के माध्यम से यह पता चला है कि मुल्तान में मलखाना नंबर 1 के अंदर नई इमारत बनाने के लिए जमीन खोदने के दौरान अन्य चीजों के अलावा हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ मिली है।
ज्ञापन में कहा गया है कि चूँकि मलखान को विभाजन से पहले बना हुआ माना जाता है और स्थानीय पुष्टि के अनुसार, उसी के संबंध में पंजाब सरकार को एक पत्र पहले ही भेजा जा चुका है। प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि इन मूर्तियों को पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग को सौंप दिया जाए।
दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष कपिल खन्ना ने इस बारे में मीडिया को अवगत कराते हुए कहा है कि हालाँकि कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के कारण नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त के साथ व्यक्तिगत बैठक नहीं की जा सकती है, लेकिन उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें ज्ञापन मिल गया है और वो ई-मेल के जरिए इसका जवाब देंगे।
कपिल खन्ना ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा एक ही उद्देश्य है। हम केवल मूर्तियों को वापस प्राप्त करना चाहते हैं, क्योंकि यह हमारी आस्था और विश्वास से जुड़ा हुआ है। हम केवल इसे वापस लाना चाहते हैं ताकि इसे हिंदू मंदिरों में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार स्थापित किया जा सके।”
इससे पहले, पाकिस्तानी मीडिया ने खबर दी थी कि मलखाना के कचेरी परिसर में खजाने के मिलने के बाद शहर की पुलिस ने पाकिस्तान के मुल्तान के इलाके को सील कर दिया था।
इसका खुलासा तब हुआ, जब जिला प्रशासन के ठेकेदारों ने जिला अदालतों को विस्तार देने को लेकर एक नई इमारत बनाने के लिए मलखाना के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया और जमीन की खुदाई की।
यह बताया गया था कि शहर के जिला प्रशासन ने पंजाब के पुरातत्व विभाग और मुख्य सचिव को खजाने के पुरातात्विक मूल्य को स्थापित करने के लिए दो पत्र लिखे थे।