महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पुलिस महकमे में बड़ा उलटफेर किया है। सचिन वाजे के करीबी सहित 65 अधिकारियों का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर कर दिया गया है। कुल 86 तबादले हुए हैं। इधर सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील करने को कहा है।
परमबीर सिंह ने पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। इसमें आरोप लगाया था कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने वाजे को 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। इसके बाद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए मामले की सीबीआई जाँच की माँग की थी। उन्होंने आशंका जताई थी कि देशमुख इससे जुड़े सबूत नष्ट कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (24 मार्च 2021) को उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि मामले में अनिल देशमुख को पक्षकार क्यों नहीं बनाया गया? पीठ ने यह भी पूछा है कि आप पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए? परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की बात कही है।
सिंह ने याचिका में अपने तबादले को मनमाना और गैरकानूनी बताते हुए आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया था। इसके अलावा अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था।
इससे पहले मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फेरबदल करते हुए 86 पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया। 86 में से 65 मुंबई क्राइम ब्रांच के हैं। रिपब्लिक वर्ल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में सचिन वाजे के करीबी सहयोगी मुंबई पुलिस (CIU) के API रियाज काजी का आर्म्ड फोर्स में ट्रांसफर कर दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने ये ट्रांसफर ऐसे समय में किए हैं जब एंटीलिया केस की जाँच को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार नए पुलिस प्रमुख हेमंत नागराले ने पद सँभालने के बाद बड़े फेरबदल के संकेत दिए थे। तबादलों को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम धारा 22 (एन) (2) के तहत निष्पादित किया गया है, जो सार्वजनिक हित के लिए असाधारण मामलों में स्थानांतरण की अनुमति देता है। मुंबई क्राइम ब्रांच में रहे सचिन वाजे पर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार रखने और मनसुख हिरेन की हत्या का आरोप है।