हिंदू देवी देवताओं को लेकर अभद्र टिप्पणी करने वाले मुनव्वर फारूकी ने जमानत के लिए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट की इंदौर पीठ में फारूकी की ओर से पेश की गई जमानत याचिका पर 15 जनवरी यानी शुक्रवार को सुनवाई होगी। इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट में उसकी याचिका खारिज की गई थी और सत्र न्यायालय ने भी जमानत देने से मना कर दिया था।
बुधवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट अमन सिंह भूरिया ने फारुकी की न्यायिक हिरासत को 27 जनवरी तक बढ़ाया था। उससे पहले राज्य में सत्ताधारी पार्टी भाजपा के एक स्थानीय विधायक के बेटे की शिकायत पर 1 जनवरी को मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार किया गया था।
उसके ससुर युनूस बद्र ईमानी अपने दामाद की गिरफ्तारी के बाद से इंदौर में हैं और जमानत के लिए लगातार वकीलों से संपर्क कर रहे हैं। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार ईमानी ने गुरुवार को बताया, “मेरी पिछले शनिवार और बुधवार को केंद्रीय जेल में फारूकी से मुलाकात हुई थी। इस दौरान उसने अपनी पत्नी और घर-परिवार की खैरियत पूछी।”
उन्होंने कहा कि फारूकी की पत्नी फिलहाल जूनागढ़ में हैं और जेल अधिकारियों ने फारूकी से फोन पर उसकी बात कराने से कथित रूप से यह कहते हुए मना कर दिया कि नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं।
जेल के अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे ने फारूकी को लेकर कोई विशिष्ट टिप्पणी किए बगैर बताया, “जेल मैन्युअल के मुताबिक किसी कैदी के कारागार में आने के बाद 90 दिन तक उसका आचरण देखा जाता है। इसके बाद ही उसे फोन पर बातचीत की सुविधा देने पर विचार किया जाता है।”
उल्लेखनीय है कि इस मामले में फारूकी के वकील की ओर से दलील दी गई है कि एफआईआर में स्टैंड अप कॉमेडियन के खिलाफ लगाए गए आरोप सरासर ‘अस्पष्ट’ हैं और उसके खिलाफ राजनीतिक दबाव में मामला दर्ज किया गया।
यहाँ बता दें कि 1 जनवरी को स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारूकी और कॉमेडी कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े 4 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। उनका आरोप था कि फारूकी ने कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर अभद्र टिप्पणियाँ की।