बिहार के मुंगेर हत्याकांड के बाद पुलिस की भूमिका लगातार शक के घेरे में है। भले ही वहाँ की पुलिस की ओर से कहा जा रहा हो कि गोलियाँ बदमाशों की ओर से चली, लेकिन कई ऐसे तथ्य व बयान निकल कर सामने आ रहे हैं जो बताते हैं कि पुलिस पर लग रहे आरोप निराधार नहीं है। इसी बीच मुंगेर पुलिस द्वारा रातोंरात ट्विटर से अकॉउंट डीएक्टिवेट कर दिया जाना भी कई सवाल खड़े करता है।
जी हाँ, कल तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर मौजूद मुंगेर पुलिस का अकॉउंट आज डिएक्टिवेट किया जा चुका है। कल तक इस अकॉउंट पर एसपी लिपि सिंह की तस्वीर थी। यूजर आईडी से कुल 149 ट्वीट हो चुके थे, लेकिन कल के बाद अकॉउंट रातोंरात गायब गया। इस अकॉउंट पर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी आदि की तस्वीरें व खबरें पोस्ट की जाती थी।
गौरतलब है कि मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के बाद गोलीबारी के कारण तीन दिनों से माहौल गर्म है। साथ ही, सुबह से कुछ लोग यह भी लिख रहे हैं कि मुंगेर की विवादित एसपी लिपि सिंह को निलंबित कर दिया गया है। हालाँकि, हम इसका सत्यापन कर पाने में असमर्थ रहे।
अलग-अलग स्रोतों से आ रही खबरों के अनुसार चार लोगों के मरने की खबरें भी आ रही हैं, जबकि आधिकारिक तौर पर एक की ही मृत्यु बताई गई है। एक खबर के अनुसार, मतदान का प्रतिशत बहुत ही कम बताया जा रहा है और किसी-किसी गाँव में पूरे बूथ पर 10-20 वोट ही जाले जाने की बातें भी सामने आ रही हैं।
इससे पहले सोशल मीडिया पर मुंगेर में दुर्गा पूजा के विसर्जन के दौरान पुलिस की बर्बरता के वीडियो सामने आ चुकी हैं। इन वीडियो में पुलिस को श्रद्धालुओं पर लाठियाँ बरसाते हुए देखा जा सकता है। इस घटनाक्रम में एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर पथराव किया।