दिल्ली में एक युवर्ती के साथ उसके परिवार वालों द्वारा ही बेरहमी करने का मामला सामने आया है। दादरी कोतवाली क्षेत्र के कोट नहर के पास गुरुवार (मई 9, 2019) को तेज़ाब से झुलसी मिली युवती का नाम सलमा है, जिसे सफदरगंज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उसकी हालत कई दिनों तक गंभीर बनी रही। सलमा के भाइयों के नाम रिज़वान और इरफ़ान हैं। ख़बरों के अनुसार, 9 मई को गुलावठी की रामनगर निवासी सलमा को उसके भाई इरफ़ान और रिज़वान नोएडा घुमाने के बहाने लाए थे। इसके बाद कोट नहर के सामने भाइयों ने बहन का गला दबाया, चेहरे व शरीर पर एसिड डाला और फिर मृत समझ कर चले गए। अभी तक ये दोनों ही आरोपित पुलिस के शिकंजे से बाहर हैं।
अस्पताल पहुँचाने के बाद पुलिस ने सलमा के बयान के आधार पर उसकी अम्मी (माँ) को खोज लाई। वो सलमा के साथ कुछ देर अस्पताल में रही। अपनी बेटी को सहारा देने के बजाय वो अचानक से उसे बेसहारा कर अस्पताल छोड़ भाग गई। पुलिस के अनुसार, सलमा के दोनों भाई उसके एक पड़ोसी के साथ प्रेम सम्बन्ध होने को लेकर गुस्सा थे। पुलिस ने यह भी बताया है कि पड़ोसी शादीशुदा है और वो मुस्लिम नहीं है। दोनों भाइयों के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास का मामला (आईपीसी सेक्शन 307) दर्ज किया गया है। फिलहाल सलमा का अस्पताल में इलाज चल रहा है और नर्सों की एक टीम उसका ख्याल रख रही है। वहाँ तैनात पुलिसकर्मी सलमा के लिए पानी, जूस और दवाओं का इंतजाम कर रहे हैं। पुलिस ने एक और सहायिका को रखा है, जो सलमा को बाथरूम तक ले जाने व लाने में मदद करती है।
Attacked by brothers, abandoned by mother in Delhi https://t.co/H6q6mvFYnT
— TOI Delhi (@TOIDelhi) May 15, 2019
सलमा की हालत पिछले 5 दिनों से गंभीर बनी हुई है और एसिड की वजह से उसके श्वसन प्रणाली (Respiratory System) का काफ़ी नुकसान हुआ है। इससे उसकी साँस लेने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ा है। उसे जल्द ही जीवन रक्षण पद्धति (Ventilator Support) पर रखा जा सकता है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार, हॉस्पिटल में तैनात एक महिला कॉन्स्टेबल ने बताया कि पुलिस द्वारा सलमा की माँ को खोज कर उसे अस्पताल लाया गया था और सलमा से मिलवाया भी गया था। लेकिन, परेशान माँ कहती रही कि उसके पास सलमा के सामने जाने की हिम्मत नहीं है। वह पूरे दिन असपताल में रही लेकिन शाम के बाद उसका कोई अता-पता नहीं चला।
सलमा के साथ जो भी हुआ और अभी उसकी जो हालत है, उसने अस्पताल में तैनात पुलिसवालों और अस्पतालकर्मियों को झकझोर कर रख दिया है। फिलहाल वही सब सलमा का परिवार बन गए हैं। लेकिन सलमा है कि बार-बार अपनी माँ को कॉल करने की बात कहती है। वह अपनी माँ को पुकारती रहती है। पीड़िता अस्पताल में भर्ती किए जाने से पहले 12 घंटों तक दर्द और पीड़ा से बदहवास छटपटाती रही थी। कुछ लोगों ने उसे तड़पते देख कर पुलिस को सूचना दी थी।
22 वर्षाया सलमा का चेहरा बुरी तरह झुलस गया है और उसकी आँखें तेज़ाब की वजह से जल गई हैं। वह ठीक से कुछ देख भी नहीं पा रही है। पुलिस ने जब उसका बयान दर्ज किया, तब वह मुश्किल से ही बोल पा रही थी। उसके दोनों भाई घर से फरार हैं। कोर्ट द्वारा खुले में तेज़ाब बेचने पर प्रतिबन्ध लगाने के बावजूद यह आसानी से उपलब्ध है और इसका ग़लत उपयोग पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।