उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का तिलक करके स्वागत करने पर मुस्लिम महिला शिक्षिका का उसके कौम के साथी शिक्षक मजाक बना रहे हैं और तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने जाँच कराने और दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात कही है।
दरअसल, जवां ब्लॉक में कार्यरत शिक्षिका ताहिरा परवीन ने कहा कि 15 जून 2022 को जब ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सतीश चंद्र ज्वॉइन करने आए तो परंपराओं को निभाते हुए उन्होंने उनका तिलक कर स्वागत किया। यह फोटो उर्दू शिक्षक मोहम्मद अहमद के हाथ लग गया और उन्होंने इसको लेकर मुद्दा बनाना शुरू कर दिया।
शिक्षिका ने कहा कि उर्दू शिक्षक मोहम्मद अहमद फोटो को लेकर शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में तरह-तरह के अनर्गल बयानबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि अहमद की इस सोच खराब है और उसे देखकर ऐसा लगता है कि वह मामले को हिंदू-मुस्लिम कराना चाहते हैं।
शिक्षिका ताहिरा ने कहा, “जब बीईओ आए तो वहाँ पर मैं अकेली महिला थी, जिसके चलते मुझसे तिलक करने को कहा गया। एक अधिकारी का तिलक करने से मेरा धर्म परिवर्तन तो नहीं हो गया। मैंने विभाग की परंपराओं को निभाया और एकता का संदेश दिया।”
शिक्षिका ने कहा कि एक शिक्षक का काम इंसानियत का पाठ पढ़ाना है और उनका धर्म इंसानियत का धर्म है। उन्होंने कहा कि जब उर्दू शिक्षक ऐसी बात कह रहे हैं तो वह बच्चों को कैसी शिक्षा दे रहे होंगे समझा जा सकता है। परवीन ने कहा कि उन्होंने इसकी शिकायत कर दी है।
उर्दू शिक्षक मोहम्मद अहमद ने कहा कि मुस्लिम टीचर हिंदू धर्म का पालन कितनी खुशी से कर रही है। इनका ईमान मर गया है। अहमद के लगातार बयानबाजी के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और इसको लेकर जाँच बैठा दी गई।
इसके बाद मोहम्मद अहमद ने कहा कि शिक्षिका को लेकर उन्होंने जो कहा है, वह उनका निजी विचार है। उन्होंने कहा कि अपने निजी विचार प्रकट करना उनका संवैधानिक अधिकार है। उर्दू शिक्षक मोहम्मद अहमद ने कहा, “मैं इस्लाम का मानने वाला व्यक्ति हूँ और इस्लाम में तिलक लगाना गलत है।”
अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय और नगर को जाँच दे दी है और 3 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का पोस्ट करना गलत है और जो भी गलत होगा इस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।