उत्तर प्रदेश के संभल में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी ने भारत के मुस्लिमों को लेकर बड़ा बयान दिया है। महामंडलेश्वर ने रविवार (28 नवंबर) को कहा कि मुस्लिमों को भारत में रहने का कोई हक नहीं है। उनके मतदान के अधिकार को छीन लेना चाहिए और देश में उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बना देना चाहिए। उन्होंने कहा अगर मुस्लिमों को भारत में रहना ही है तो शरणार्थी के रूप में रहें।
महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी भाजपा नेता कपिल सिंघल के आवास पर संभल पहुँचे। इसी दौरान उन्होंने मुस्लिमों को लेकर यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब भारत तका बँटवारा हो गया और उनके लिए पाकिस्तान दे दिया तो मुस्लिमों को भारत में रहने का औचित्य क्या है। उन्हें यहाँ से चले जाना चाहिए।
भारत के विभाजन को याद कर यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि 1947 में देश के विभाजन के समय तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेताओं ने देश का विभाजन भौगोलिक या इतिहास के आधार पर नहीं, बल्कि धर्म के आधार पर किया था। महामंडलेश्वर ने कहा कि वे कहते थे कि हिंदू और मुस्लिम दो भाई हैं, लेकिन हम कहते हैं कि जिनकी संस्कृति नहीं मिलती, वे कभी भाई हो ही नहीं सकते।
उन्होंने कहा कि भारत का एक बड़ा हिस्सा मुस्लिमों को दे दिया गया। अब अधिकार नहीं होने के बावजूद उन्हें भूमि दे दी गई तो भारत में उनका हक कैसा। अब वे भारत में क्या कर रहे हैं? जब भारत की संस्कृति और यहाँ की सरकार से उन्हें नफरत है तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। अगर भारत में उन्हें रहना ही है तो वे शरणार्थी के रूप में रहें।
यतींद्रानंद गिरी ने कहा यहाँ रहने के बावजूद मुस्लिम यहाँ की संस्कृति और लोगों को अपना नहीं समझते। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय देश के संसाधनों का भरपूर लाभ उठा रहा है, लेकिन भारत की संस्कृति और सरकार को रोजाना गाली दे रहा है। जो भारत की संस्कृति को अपनाने के लिए तैयार नहीं है, वह भारत का नागरिक होने का अधिकारी नहीं है। इसलिए इनका वोट देने का अधिकार खत्म कर दोयम दर्जे का नागरिक बना देना चाहिए।
AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असद्उद्दीन ओवैसी के लखनऊ को शाहीन बाग बनाने वाले बयान पर यतींद्रानंद ने कहा कि इसके लिए तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कब से इंतजार कर हैं। ओवैसी को इसका कब से निमंत्रण भी दे रहें है। अगर ओवैसी में लखनऊ में आने की हिम्मत तो करें। मुख्यमंत्री उनका अच्छी तरह स्वागत करेंगे।