मध्य प्रदेश के रतलाम में नगर निगम ने नवरात्रि मेले में दुकान लगाने वाले व्यापारियों को दुकान पर अपना असली नाम लिखने के निर्देश दिए हैं। जिले के व्यापारियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे बिजनेस में पारदर्शिता बढ़ेगी। वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे तुगलकी फरमान बताते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। मुस्लिम पक्ष का नेतृत्व शहर काजी कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुकानों पर अपने असली नाम लिखने का निर्णय रतलाम नगर निगम की राजस्व समिति ने लिया है। इस समिति के दिलीप गाँधी ने बुधवार (2 सितंबर 2024) को बताया कि दूसरे प्रदेशों से कई व्यापारी चूड़ी-बिंदी बेचने आते हैं। इन बाहरी दुकानदारों को मेले में कोई असुविधा न हो इसके लिए नवरात्रि मेले में दुकानदारों को उनके असली नाम लिखकर व्यापार करने की हिदायत दी गई है।
इसी के साथ 12 अक्टूबर तक चलने वाले मेले में लगने वाली दुकानों के आबंटन में भी आधार कार्ड देखे जाएँगे, जिससे कोई दुकान किसी बिचौलिए को न मिल पाए। नगर निगम के इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष लामबंद हो गया है। मुस्ल्मि पक्ष की तरफ से रतलाम के शहर क़ाज़ी सैयद आसिफ ने बयान जारी किया है। उन्होंने इसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले जैसा ही बताया।
रतलाम के कालिका माता मंदिर के नवरात्रि मेले में इस बार व्यापारियों के लिए नया नियम लागू। अब दुकान पर नाम का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। इसे लेकर विरोध के सुर भी उठने लगे हैं, और मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। #Ratlam #NavratriMela #NewRules #HindiNews… pic.twitter.com/oW3cnE2EBV
— Asian News Bharat (@Asian_newsBH) October 2, 2024
नगर निगम के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन बताते हुए आसिफ ने इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है। बकौल शहर क़ाज़ी, सूचना के अधिकार (RTI) के तहत आदेश की कॉपी मँगवाई गई है। आसिफ ने कहा कि कॉपी आने के बाद नगर निगम के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। यह मुकदमा एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन फॉर सिविल राइट्स के बैनर तले की जाएगी।
मुस्लिम पक्ष ने अपने विरोध की जानकारी जिलाधिकारी को भी दे दी है। शहर काजी ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर बोर्ड लगाने के फरमान की वजह से ‘लॉ एन्ड ऑर्डर’ प्रभावित हुआ तो उसकी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। रतलाम के कई व्यापारियों ने नगर निगम द्वारा जारी बोर्ड पर प्रोप्राइटर का नाम लिखने के फैसले का समर्थन किया है।
कानपुर से जूता-चप्पल बेचने आए दुकानदार नसीम ने इसे एक अच्छा फैसला बताया है। नसीम का कहना है कि इस से धंधे में पारदर्शिता बढ़ेगी। बताते चलें कि हर नवरात्रि पर रतलाम के कालिका माता मंदिर में 9 दिनों का गरबा रास होता है। तब यहाँ 3 से 12 अक्टूबर तक लगने वाले मेले में देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग आते हैं। आने वाले इन लोगों में श्रद्धालु और दुकानदार दोनों शामिल हैं।