भारत के लिबरल गैंग जिस भी चीज का हद से ज्यादा गुणगान करे, उसके बारे में समझ जाना चाहिए कि वो उतना ही ज्यादा खतरनाक है। उदाहरण के लिए दिल्ली के शाहीन बाग को ही ले लीजिए। इसी क्रम में बेंगलुरु के बिलाल बाग को भी प्रचारित किया गया। ये वही क्षेत्र है, जिस क्षेत्र में मंगलवार (अगस्त 11,2020) की रात दंगे भड़क गए और कॉन्ग्रेस के दलित विधायक के घर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। वहाँ नसीरुद्दीन शाह भी पहुँचे थे।
किस तरह से बेंगलुरु के इस इलाके में इस्लामिक कट्टरवाद को ऊर्जा मिलती रही, इसे समझने के लिए हमें 5 महीने पहले जाना होगा। उसी समय बिलाल बाग में महिलाओं के सीएए विरोधी प्रदर्शन का काफी महिममंडन किया जा रहा था। उसे दक्षिण भारत का शाहीन बाग साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। तभी बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह भी वहाँ पहुँचे थे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया था।
बेंगलुरु: जब नसीरुद्दीन शाह पहुँचे थे CAA विरोधी प्रदर्शन में
गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी और अभिनेता नसीरुद्दीन शाह फरवरी 14, 2020 के दिन वहाँ पहुँचे थे। उस दिन जुमा भी था। रात के 9 बजे उपद्रवियों को संबोधित करने पहुँचे नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि महिलाओं को प्रदर्शन करते हुए देख कर उन्हें बोलने का साहस मिला है। नसीरुद्दीन शाह ने उन महिलाओं को बहादुर बताते हुए कहा था कि उन्हें सड़क पर उतरने के लिए किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
As #BilalBagh, #Bengaluru’s #ShaheenBagh completes 8 days of non-stop events and discussions against #CAA_NRC_NPR, the likes of celebrities like Naseeruddin Shah, @jigneshmevani80, @MDPallavi and others keep the crowd encouraged. @IndianExpress
— Express Bengaluru (@IEBengaluru) February 15, 2020
🎥:@ralpharakal pic.twitter.com/lI5tTYwkqi
जिग्नेश मेवाणी तो एक कदम और आगे बढ़ गए थे। उन्होंने वहाँ प्रदर्शन कर रही महिलाओं के ‘चेहरे की चमक’ की बात करते हुए दावा कर दिया था कि अगर पीएम मोदी ने उन्हें एक बार भी देख लिया तो वो इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने उन महिलाओं को क्रांतिकारी करार देते हुए कहा कि वो उनके ज्वलंत चेहरे देखने आए हैं। उन्होंने इस दौरान वहाँ पटना और दिल्ली में महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों का जिक्र किया।
क्या आपको पता है कि ये बिलाल बाग कहाँ स्थित है? ये Tannery Road के पास है, जो केजी हल्ली थाना क्षेत्र से 5 किलोमीटर से भी कम की दूरी पर है। वही थाना क्षेत्र, जहाँ पुलिस की गाड़ियों तक को जला डाला गया। फिलहाल वहाँ कर्फ्यू लगा हुआ है। अब ये साबित हो रहा है कि भारत के विभिन्न स्थानों में, जो सीएए विरोधी प्रदर्शनों का हब बना, वहाँ दंगे भड़क रहे हैं। दिल्ली के बाद बेंगलुरु इसका उदाहरण है।
सरकारों ने इन महिलाओं को सड़क जाम करने से लेकर भारत-विरोधी नारे लगाने तक छोड़ दिया और उन्हें उपद्रव करने दिया, जिसका अंजाम आज जनता और पुलिस दोनों को ही भुगतना पड़ रहा है। अगर समय रहते इन उपद्रवियों पर कार्रवाई की गई होती तो शायद नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के दंगे और नहीं होते और केजी हल्ली में एक छोटे से फ़ेसबुक पोस्ट पर इतना बड़ा हंगामा नहीं होता। इसे समय रहते रोका जा सकता था।
Naseeruddin “Dara Hua” Shah adressing anti CAA protestors in Bengaluru.
— #Ashima 🇮🇳 (@AshiWords) February 15, 2020
Language and Attitude same as Hafiz Saeed. Two terms of BJP and these intolerant parasites showing their true colors. pic.twitter.com/C6PDnsV7BU
जहाँ तक बिलाल बाग की बात है, वहाँ 200 महिलाओं ने डेरा डाला हुआ था। शाहीन बाग की तरह ही वहाँ महिलाओं को उनके छोटे-छोटे बच्चों के साथ बिठाया गया था। बिलाल मस्जिद के सामने पिलाना रोड को ब्लॉक कर के रखा गया। मीडिया में कई ऐसे लेख ये थे, जिनमें यहाँ की महिलाओं के बयान लेकर उन्हें बहादुर साबित करने का प्रयास किया गया था। सरकार इन चीजों को नजरअंदाज करती रही।
क्या हुआ बेंगलुरु में भड़के दंगे में
केजी हल्ली थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के मामले में ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)’ के नेता मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि वो इन दंगों का मास्टरमाइंड है। मुजम्मिल पाशा ने ही इन दंगों को भड़काया था। SDPI का नेता मुजम्मिल पाशा नवीन नामक व्यक्ति के खिलाफ पैगम्बर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में मामला दर्ज करवाने केजी हल्ली थाना पहुँचा था।
फिर उसने भड़काऊ भाषण देते हुए पुलिस थाने के बाहर खड़ी कट्टरपंथी भीड़ को सम्बोधित किया। सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं और अधिकारियों को दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दे दिया गया है। बेंगलुरु में हुई हिंसा को लेकर सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि पत्रकारों, जनता और पुलिस के खिलाफ मंगलवार (अगस्त 11, 2020) की रात हुई हिंसा स्वीकार्य नहीं है।
ज्ञात हो कि मंगलवार (अगस्त 11, 2020) की रात पूर्वी बेंगलुरु में दंगे और आगजनी का भीषण नज़ारा देखने को मिला। केजी हल्ली, डीजे हल्ली और पुल्केशी नगर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। 1000 से भी अधिक की कट्टरपंथी भीड़ ने स्थानीय विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर को घेर लिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। उनका आरोप था कि विधायक के रिश्तेदार ने पैगम्बर मुहम्मद को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट किया है।