भारत के इतिहास में पहली बार 73वें गणतंत्र दिवस पर श्रीनगर के लाल चौक (क्लॉक टॉवर) में घंटा घर के ऊपर देश का तिरंगा झंडा फहराया गया। इस दौरान वहाँ पर सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार (26 जनवरी 2022) को स्थानीय लोगों ने एनजीओ और प्रशासन के साथ मिलकर लाल चौक टॉवर के ऊपर झंडा फहराया। दो स्थानीय कार्यकर्ता साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर को एक क्रेन द्वारा घंटाघर के ऊपर ले जाया गया, यहाँ उन्होंने झंडा फहराया।
झंडा फहराने के बाद कार्यकर्ता साहिल बशीर ने कहा, “आजादी के बाद से हमने यहाँ केवल पाकिस्तानी झंडे ही फहराए देखे हैं। वो पाकिस्तान प्रायोजित तत्व थे, जो घाटी में शांति भंग करना चाहते थे। अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद से हम यहाँ पर जमीनी तौर पर कई बड़े बदलाव देख सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि लोग पूछ रहे थे कि ‘नया कश्मीर’ का मतलब क्या है? इस पर उन्होंने जवाब दिया, “आज घंटा घर के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराना ‘नया कश्मीर’ का प्रतीक है। जम्मू-कश्मीर के लोग भी यही चाहते हैं। हमें कोई पाकिस्तानी झंडा नहीं चाहिए, हम शांति और विकास चाहते हैं।”
श्रीनगर के लाल चौक का देश में ऐतिहासिक महत्व है। वहीं, कश्मीर की राजनीति में भी लाल चौक स्थित घंटा घर का हमेशा से ही बड़ा महत्व रहा है। देश और जम्मू-कश्मीर के तमाम बड़े नेता इससे पहले घंटा घर के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन वह इसमें कभी भी सफल नहीं हुए।
एक अन्य कार्यकर्ता साजिद यूसुफ ने कहा, “भारत की आजादी के बाद से यह एकमात्र स्थान था, जहाँ राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहरा गया था। हमने यहाँ तिरंगा झंडा फहराने का फैसला किया और इसे कर दिखाया। इससे पहले बहुत से लोगों ने ऐसा करने की कोशिश की, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो सके। एक भारतीय के रूप में हमने यहाँ झंडा फहराया है और ऐसा करके हमें बेहद खुशी हो रही है।” बता दें कि कश्मीर में गणतंत्र दिवस समारोहों को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए एहतियात के तौर पर बुधवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गईं।