Saturday, November 2, 2024
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गजवा-ए-हिंद (भारत पर इस्लामी कब्जा)’ पर दारुल उलूम देवबंद का फतवा, एक्शन में NCPCR: पुलिस को 3 दिन में कार्रवाई कर माँगा जवाब

दारुल उलूम ने अपने फतवे में गजवा-ए-हिन्द को मान्यता दे दी है। उसने कहा गहै कि भारत पर आक्रमण के दौरान मरने वाले महान शहीद कहलाए जाएँगे। उन्हें जन्नत मिलेगी। इस फतवे के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिकायत दी है।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद शहर में स्थित ‘दारुल उलूम मदरसा’ विवादित फतवों के कारण चर्चा में कई बार रहा है। लेकिन, इस बार उसने भारत विरोधी फतवा जारी कर अपनी कट्टर मानसिकता का प्रमाण दिया है। दारुल उलूम ने अपने फतवे में गजवा-ए-हिंद को मान्यता दे दी है। इस फतवे से बताया गया है कि भारत पर आक्रमण के दौरान मरने वाले महान शहीद कहलाए जाएँगे और उन्हें जन्नत मिलेगी। इस फतवे के खिलाफ अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सहारनपुर पुलिस के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया है।

दरअसल, दारुल उलूम की साइट (darulifta-deoband.com) पर सवाल किया गया था कि क्या हदीस में भारत पर आक्रमण का जिक्र है जो उपमहाद्वीप में होगा? और जो भी इस जंग में शहीद होगा, वो महान शहीद कहलाएगा। और जो गाजी होगा वो जन्नती होगा।

darulifta-deoband.com पर उर्दू में पूछा गया प्रश्न और उसका जवाब

इसी सवाल के जवाब में दारुल उलूम की ओर से फतवा जारी किया गया। फतवे में ‘सुन्न अल नसा (Sunan-al-Nasa) ‘ नाम की किताब का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस किताब में गजवा-ए-हिंद को लेकर पूरा का पूरा चैप्टर है। इसमें हजरत अबू हुरैरा की हदीस का जिक्र करते हुए कहा गया है- “अल्लाह के संदेशवाहक ने भारत पर हमले का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि अगर मैं जिंदा रहा तो इसके लिए मैं अपनी खुद की और अपनी संपत्ति की कुर्बानी दे दूँगा। मैं सबसे महान शहीद बनूँगा।”

इस फतवे में ये भी बताया गया कि देवबंद की मुख्तार एंड कंपनी ने इस मशहूर किताब को प्रिंट किया है।

दारुल उलूम देवबंद द्वारा दिया गया सवाल का जवाब

सहारनपुर के डीएम और एसपी को एक नोटिस

अब इस फतवे में जहाँ भारत पर आक्रमण की बात को उचित ठहराने का प्रयास हुआ है। वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने सहारनपुर जिले के डीएम और एसपी को एक नोटिस जारी कर इस मामले में FIR दर्ज करने को कहा।

एनसीपीसीआर ने नोटिस में कहा कि ये मदरसा भारत के बच्चों को देशविरोधी तालीम दे रहा है। इससे इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा मिलेगा। बच्चों में देश के प्रति नफरत पैदा होगी। आयोग ने कहा कि बच्चों को अनावश्यक रूप से परेशान करना या शारीरिक कष्ट देना तो किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 का उल्लंघन है।

NCPCR द्वारा की गई शिकायत

उन्होंने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि गजवा-ए-हिंद को लेकर हाल ही में आए फतवे के मामले में आयोग सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 (1) के तहत आईपीसी और जेजे अधिनियम, 2015 के तहत कार्रवाई करने का निर्देश देती है। उन्होंने पुलिस से फौरन इस मामले में दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का कहा। साथ ही संबंधित कार्रवाई की रिपोर्ट 3 दिन के भीतर आयोग को भेजने को कहा।

NCPCR द्वारा की गई शिकायत

बता दें कि इससे पहले साल 2022 और 2023 में भी आयोग ने दारुल उलूम की साइट पर जारी विवादित फतवों का खुलासा किया था और माँग की थी कि इसकी साइट को ब्लॉक किया जाए और एफआईआर हो, लेकिन प्रशासन ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में आयोग कहता है कि अगर कोई प्रतिकूल परिणाम ऐसी तालीम के कारण आए तो फिर उसके लिए जिला प्रशासन भी बराबर का जिम्मेदार होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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