Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजNEET पेपर लीक मामले में CBI ने दो को दबोचा: सरगना संजीव मुखिया के...

NEET पेपर लीक मामले में CBI ने दो को दबोचा: सरगना संजीव मुखिया के यूपी की भर्ती परीक्षा में धांधली से भी जुड़े तार, सीलबंद पेपर बॉक्स तोड़ने का है उस्ताद

रवि अत्री की इंटेरोगेशन रिपोर्ट के अनुसार, संजीव मुखिया का गैंग सीलबंद पेपर का बॉक्स तोड़ने में उस्ताद है। देश में कहीं भी पेपर लीक करवाना हो, सील बॉक्स तोड़ने के लिए संजीव मुखिया गैंग की मदद ली जाती है। संजीव मुखिया के गैंग के डॉक्टर शुभम मंडल ने यूपी पेपर लीक में पटना से फ्लाइट पकड़ कर अहमदाबाद जाकर पेपर का बॉक्स तोड़ा था।

NEET पेपर लीक मामले की जाँच कर रही सीबीआई ने गुरुवार (27 जून 2024) को मनीष प्रकाश और उसके दोस्त आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों ने ‘सेफ हाउस’ में कमरा बुक कराया था। सीबीआई ने पेपर लीक के दो अन्य आरोपित चिंटू और मुकेश को भी रिमांड लिया है। वहीं, सीबीआई की एक टीम हजारीबाग में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल सहित कुल 8 लोगों से पूछताछ कर रही है।

वहीं, बिहार पुलिस की EOU टीम से पेपर लीक जाँच की रिपोर्ट और सबूत हासिल करने के बाद अब CBI पेपर लीक के मुख्य आरोपित संजीव मुखिया को दबोचने की दिशा में काम कर रही है। संजीव मुखिया यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपित रवि अत्री भी संजीव मुखिया से जुड़ा है। इसके अलावा, कई परीक्षाओं के पेपर लीक से भी मुखिया जुड़ा हो सकता है।

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार मनीष प्रकाश ने अपने दोस्त आशुतोष से कहकर परीक्षार्थियों के लिए ‘लर्न एंड प्ले स्कूल’ को बुक कराया था। पटना के खेमनी चक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में NEET का जला हुआ प्रश्न पत्र मिला था, जो इस घटना का प्रमुख सबूत है। इस पेपर पर दी गई जानकारी से पता चला था कि ये प्रश्न पत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के परीक्षा केंद्र से लीक हुआ था।

मनीष प्रकाश ने इस स्कूल में 20 से 25 NEET परीक्षार्थियों को रुकवाकर उन्हें प्रश्न पत्र दिया था और उन्हें आंसर शीट रटवाया था। कहा जा रहा है कि मनीष प्रकाश ने संजीव मुखिया के कहने पर परीक्षार्थियों के लिए इसका इंतजाम किया था। मनीष नालंदा का रहने वाला है। उसका परिवार पटना के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के संदलपुर इलाके में रहता है।

उधर, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा की जाँच कर रही यूपी एसटीएफ ने रवि अत्री से पूछताछ की। उसने बताया है कि संजीव मुखिया का गैंग पेपर लीक में माहिर है। उसका नेटवर्क यूपी, बिहार, गुजरात, दिल्ली-NCR समेत कई राज्यों में फैला हुआ है। संजीव मुखिया ब्लूटूथ के जरिए अलग-अलग परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाता था। संजीव और उसका बेटा शिव कुमार पेपर लीक के सबसे बड़े मास्टरमाइंड हैं।

दरअसल, यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक का मुख्य आरोपित रवि अत्री बिहार के संजीव मुखिया और अतुल वत्स के साथ जुड़ा हुआ है। रवि अत्री और संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव कुमार एक साथ पढ़ाई कर चुके हैं। संजीव मुखिया का बेटा बीपीएससी टीचर परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में पहले से ही जेल में है।

सूत्रों के हवाले से आजतक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रवि अत्री ने पूछताछ में बताया है कि 12वीं पास करके वह मेडिकल की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा शहर गया था। वहाँ पर पेपर लीक कराने वाले गिरोह के वह संपर्क में आ गया था। रवि अत्री पहले भी पीएमटी पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है। उसका साथी राजीव नयन मिश्रा भी गिरफ्त में है।

रवि अत्री की इंटेरोगेशन रिपोर्ट के अनुसार, संजीव मुखिया का गैंग सीलबंद पेपर का बॉक्स तोड़ने में उस्ताद है। देश में कहीं भी पेपर लीक करवाना हो, सील बॉक्स तोड़ने के लिए संजीव मुखिया गैंग की मदद ली जाती है। संजीव मुखिया के गैंग के डॉक्टर शुभम मंडल ने यूपी पेपर लीक में पटना से फ्लाइट पकड़ कर अहमदाबाद जाकर पेपर का बॉक्स तोड़ा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -