Saturday, June 29, 2024
Homeदेश-समाज'वह सुभाषचंद्र बोस ही थे या नहीं': गृह मंत्रालय ने 'गुमनामी बाबा' की DNA...

‘वह सुभाषचंद्र बोस ही थे या नहीं’: गृह मंत्रालय ने ‘गुमनामी बाबा’ की DNA रिपोर्ट की जानकारी देने से किया मना, देश की संप्रभुता और अखंडता का दिया हवाला

RTI दाखिल करने वाले सेन ने बताया, “ये स्पष्ट संकेत है कि गुमनामी बाबा एक आम आदमी से कहीं अधिक और विशेष थे। मेरा मानना ​​है कि वह मेरे सभी निष्कर्षों के अनुसार गुमनामी बाबा के रूप में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ही थे।”

‘गुमनामी बाबा’ ही महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) थे या नहीं, यह रहस्य ही रहेगा। गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) ने गुमनामी बाबा के DNA सैंपल की रिपोर्ट के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है। देश की संप्रभुता और अखंडता का हवाला देते हुए CFSL ने इस पर RTI का जवाब देने से मना कर दिया।

जवाब के लिए दाखिल की गई RTI के जवाब में CFSL ने कहा कि जिसके बारे में जानकारी देने से देश की संप्रभुता एवं अखंडता और राष्ट्र की सुरक्षा, रणनीतिक, आर्थिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसके कारण इलेक्ट्रोफेरोग्राम रिपोर्ट साझा नहीं किया जा सकता है।

दरअसल, सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8(1)(ए), (ई) और 11(1) का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल स्थित हुगली के कोन्नगर निवासी सयाक सेन ने 24 सितंबर 2022 अर्जी दायर की थी। नेताजी बोस पर शोध करने वाले सेन से गुमनामी बाबा के DNA सैंपल की रिपोर्ट माँगी थी।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सयाक सेन ने कहा कि इस आधार पर CFSL ने उनकी RTI को खारिज कर दिया। सेन ने RTI में यह भी पूछा कि उत्तर प्रदेश के सुदूर इलाके में रहने वाला एक व्यक्ति भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए इतना मायने क्यों रखता है कि अगर उसका इलेक्ट्रोफेरोग्राम सार्वजनिक किया जाता है तो देश में हलचल मच जाएगी।

सेन ने आगे बताया, “ये स्पष्ट संकेत है कि गुमनामी बाबा एक आम आदमी से कहीं अधिक और विशेष थे। मेरा मानना ​​है कि वह मेरे सभी निष्कर्षों के अनुसार गुमनामी बाबा के रूप में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ही थे।”

बता देें कि यह दावा किया गया है कि सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में हो गई थी। हालाँकि, लोगों के एक वर्ग का दावा है कि नेताजी बोस विमान दुर्घटना में बच गए थे और तत्कालीन ब्रिटिश सरकार से बचने के लिए गुमनामी बाबा के वेश में छिप कर रहते थे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

NEET पेपर लीक केस में CBI ने एहसानुल हक़ और इम्तियाज को दबोचा, इसी के सेंटर का प्रश्न पत्र पटना में मिला था: शिक्षा...

झारखंड के हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक़ और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज को गिरफ्तार किया है। CBI इनसे इससे पहले पूछताछ कर रही थी।

महाभारत का दुर्योधन सरकार को देता है जमीन का टैक्स, उसके नाम पर है इलाके की भूमि: केरल में है भव्य मंदिर, ‘सौम्य’ देवता...

केरल के कोल्लम के एक गाँव में महाभारत के खलनायक दुर्योधन का अनोखा मंदिर है। मंदिर द्वारा दुर्योधन के नाम से सरकार को टैक्स भी दिया जाता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -