Sunday, November 3, 2024
Homeदेश-समाज'शाही ईदगाह के अंदर ही केशव देव मंदिर का गर्भगृह, पवित्र नदियों के जल...

‘शाही ईदगाह के अंदर ही केशव देव मंदिर का गर्भगृह, पवित्र नदियों के जल से हो शुद्धिकरण’: मथुरा कोर्ट में नई याचिका, 1 जुलाई को सुनवाई

याचिका दाखिल करने वाले व्यक्ति का नाम दिनेश कौशिक है। अपनी याचिका में उन्होंने शाही ईदगाह में गर्भगृह होने के दावे के साथ भगवान लड्डू गोपाल के अभिषेक की अनुमति माँगी है।

UP के मथुरा में बनी शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर गर्भगृह होने का दावा किया गया है। एक वकील द्वारा याचिका दायर कर के शाही ईदगाह के शुद्धिकरण की भी माँग की है। यह याचिका 19 मई, 2022 (गुरुवार) को दायर हुई है। फिलहाल सिविल जज सीनियर डिवीजन ने इस याचिका पर अभी कोई फैसला नहीं सुनाया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, याचिका दाखिल करने वाले व्यक्ति का नाम दिनेश कौशिक है। अपनी याचिका में उन्होंने शाही ईदगाह में गर्भगृह होने के दावे के साथ भगवान लड्डू गोपाल के अभिषेक की अनुमति माँगी है। इस से पहले 26 फरवरी 2021 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की ही अदालत में वादी ने अपने वकील दीपक शर्मा के माध्यम से शाही ईदगाह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की जमीन पर बना बताते हुए हटाने की माँग की थी।

वादी दिनेश ने अपनी याचिका में यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। इस याचिका में शाही ईदगाह के अंदर कटरा केशवदेव मंदिर बताया गया है। साथ ही उसके गर्भगृह को गंगा और यमुना के जल से शुद्ध करने की भी माँग रखी गई है। अदालत ने इस केस की अगली सुनवाई 1 जुलाई, 2022 को रखी है।

गौरतलब है कि इसी मई महीने में मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थली के पास स्थित प्रसिद्ध शाही ईदगाह मस्जिद को सील करने की याचिका सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर ली थी। याचिका में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी शाही ईदगाह मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाए जाने के साथ ही वहाँ आने-जाने पर रोक और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की माँग की गई थी। बाद में इसी याचिका में माँग की गई है कि न सिर्फ शाही ईदगाह मस्जिद में सुरक्षा कड़ी की जाए, बल्कि अंदर आने-जाने पर भी रोक लगे और इसके लिए एक विशेष सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति की जाए।

वादी महेंद्र प्रताप का कहना था कि अगर श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अवशेषों के साथ छेड़छाड़ की गई तो इस स्थल का चरित्र बदल जाएगा और फिर इसकी मुक्ति के लिए जो मामला न्यायालय में चल रहा है, उसका कोई आधार ही नहीं रह जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -