दिल्ली में आईएसआईएस के 5 आतंकवादियों को एनआईए की विशेष कोर्ट ने 3 से 20 साल तक की सजा सुनाई है। ये सभी आतंकी इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के सदस्य थे और भारत में तबाही मचाने की साजिश रच रहे थे। इसमें मुख्य आरोपित का नाम जहाँजैब समी वानी है, जो श्रीनगर का रहने वाला है। उसकी बीवी हिना बाशिर शेख भी उसके हर कुकर्म में उसके साथ थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनआईए ने अपनी जाँच में पाया कि कश्मीरी आतंकी कपल के नेतृत्व में भारत में 100 से ज्यादा जगहों पर आईईडी ब्लास्ट की योजना पर काम किया जा रहा था। इसके लिए बिटकॉइन जैसे हाईटेक ऑनलाइन मनी का इस्तेमाल किया जा रहा था। ये ग्रुप ISKP से जुड़ा है, जो ISIS के शाखा के तौर पर काम करता है। एनआईए कोर्ट ने जिन 5 आतंकवादियों को सजा सुनाई, उसमें जहाँजैब समी (36) श्रीनगर का रहने वाला है। वो दाऊद इब्राहीम, जैब, अबु मोहम्मद अल-हिंद और अबू अब्दुल्ला जैसे नामों से भी जाना जाता था। इसके अलावा उसकी कश्मीरी बीवी हिना बाशिर शेख, हैदराबाद का अब्दुल्ला बासित, पुणे की सादिया अनवर शेख और नबील सिद्दीक खत्री शामिल हैं।
एनआईए कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह की कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी संगठन को चलाने के लिए पैसों की जरूरत होती है, जो इस केस में बिटकॉइन जैसी हाईटेक मुद्राओं के जरिए पूरी की गई। ऐसे में सभी लोगों को पता था कि वो क्या कर रहे हैं और कितना गंभीर अपराध कर रहे हैं। ऐसे में किसी को भी ढील देने जैसी कोई गुंजाइश नहीं दिखती।
एनआईए ने बताया कि पाँच में एक आरोपित पर भारत में खिलाफत स्थापित करने की योजना बनाने का आरोप है, साथ ही उस पर एक ही दिन में 100 आईईडी विस्फोट करने की साजिश रचने का भी आरोप है। दिल्ली पुलिस ने आठ मार्च 2020 को दो आरोपी- जहाँजैब सामी वानी और उसकी पत्नी हिना बशीर बेग को आईएसकेपी से संबंध रखने के आरोप में दिल्ली के ओखला विहार, जामिया नगर से गिरफ्तार किया था। दोनों भारत में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। इसके अलावा 12 जुलाई 2020 को पुणे से NIA ने दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। जिनका नाम सादिया अनवर शेख और नबील एस खत्री था।
सीरिया जा चुका है अब्दुर रहमान
इस मामले में अगस्त, 2020 में अब्दुर रहमान उर्फ डॉ. ब्रेव को NIA द्वारा गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल, अब्दुर रहमान के खिलाफ केस चल रहा है। जारी बयानों में जानकारी दी गई है कि अब्दुर रहमान बंगलुरु में MBBS की पढ़ाई करता था। जिसके बाद वह उन अन्य आरोपितों के संपर्क में आया और उन्होंने उसे कट्टरपंथी बनाया था। इतना ही नहीं अब्दुल साल 2013 में सीरिया भी गया था। जहाँ वो ISIS की अन्य आतंकवादी गतिविधियों में शामिल भी हुआ था। अब्दुल ने आतंकवादियों के स्वास्थ्य और उनके इलाज को लेकर एक मेडिकल एप्लिकेशन और ISIS के लिए एक लेजर गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल एप्लिकेशन भी बनाना सीखा था।
ये समाचार मूल रूप से अंग्रेजी में प्रकाशित है। मूल लेख पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।