पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में नीरव मोदी की जमानत पर सुनवाई लम्बे समय तक चली। अभी कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी है।
नीरव मोदी को बड़ा झटका, कोर्ट से नहीं मिली जमानत; पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव पर लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में चल रहा है मामला #NiravModi pic.twitter.com/g8maBFpxro
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) March 29, 2019
टोबी कैडमैन ने अदालत में कहा कि नीरव मोदी भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और उसके भाग जाने का डर है। टोबी ने कहा कि इस बात का डर भी है कि वह गवाहों को बरगला सकता है और सबूत नष्ट कर सकता है। कैडमैन ने अदालत में कहा कि नीरव मोदी ने एक गवाह आशीष को बुलाया और उसे जान से मारने की धमकी दी।
Toby Cadman, representing crown prosecution on behalf of Indian authorities, in final submission at London’s Westminster Magistrate court: Nirav Modi isn’t cooperating with Indian agencies&there’s risk he’ll fly out. There’s risk that he’ll influence witnesses & destroy evidence. pic.twitter.com/osLe0LfiC9
— ANI (@ANI) March 29, 2019
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी दूसरी बार जमानत याचिका लेकर लंदन की वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत के सामने पेश हुआ। अदालत में भारतीय जाँच एजेंसियों की ओर से पेश हुई क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने कोर्ट में कहा कि नीरव मोदी ने गवाहों को धमकाते हुए एक गवाह को जान से मारने की धमकी दी है। क्राउन सर्विस ने PNB घोटाला केस के गवाह आशीष लड के फोन कॉल डिटेल्स के जरिए यह खुलासा किया है।
नीरव मोदी ने आशीष को फोन करके धमकी दी है कि अगर वह कोर्ट में उसके खिलाफ गवाही देगा तो जान से हाथ धो बैठेगा। नीरव की जमानत का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि वह कोर्ट में गवाही से पहले गवाहों को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, क्राउस एजेंसी ने कोर्ट के बताया कि नीरव कई मुल्कों की यात्रा कर चुका है। क्राउन एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी उन देशों में निवेश करके नागरिकता लेना चाहता है, जिनके साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
इससे पहले लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में भारतीय अधिकारियों की ओर से अभियोजन का प्रतिनिधित्व करने वाले टोबी कैडमैन ने समाचार एजेंसी ANI को बताया था कि नीरव मोदी को जमानत मिलने पर वो इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह सब कुछ करेंगे जिससे वह रिहा न हो सके।
भारतीय एजेंसियों का पक्ष रख रहे क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने पहली सुनवाई के दौरान कहा था कि नीरव मोदी करीब 2 अरब डॉलर के मनी लॉड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले में वॉन्टेड है। शुक्रवार (मार्च 29, 2019) की सुनवाई में क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस का सहयोग सीबीआई और प्रत्यर्पण निदेशालय (ED) की एक टीम कर रही है।