उत्तर प्रदेश के नोएडा में द खेतान स्कूल पर 12 वर्षों से बिना मान्यता के चलने का आरोप लगा है। एक शिकायत के आधार पर मेरठ के संयुक्त निदेशक ने इसकी जाँच की है। जाँच में कहा गया है कि स्कूल ने जरूरी मान्यता नहीं ली है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) द्वारा भी इस मामले में जाँच जारी होने की बात कही गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक त्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा से स्कूल के खिलाफ शिकायत की गई थी। उपमुख्यमंत्री ने मेरठ के कमिश्नर को जाँच कर जरूरी करवाई के आदेश दिए थे। जाँच के बाद यह पाया गया है कि द खेतान स्कूल नोएडा ने अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-18 के तहत किसी सक्षम अधिकारी से मान्यता नहीं ली है।
शिकायत में स्कूल मैनेजमेंट पर धोखाधड़ी, जालसाजी, अवैध वसूली, अमानत में खयानत के तहत केस दर्ज करने की माँग की गई है। इसी के साथ स्कूल पर हजारों बच्चों का जीवन बर्बाद करने का आरोप लगा है। इस मामले में स्कूल को प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल ने नोटिस का जवाब भी दिया है।
इस आरोपों पर ऑपइंडिया ने द खेतान स्कूल नोएडा की प्रिंसिपल रीना सिंह से बात की। उन्होंने बताया, “हमारे खिलाफ जो कुछ भी हो रहा उसकी जानकारी हमको किसी प्रशासनिक अधिकारी से नहीं, बल्कि मीडिया से ही मिल रही है। अभी तक हमें किसी आदेश की कोई प्रति नहीं मिली है। मीडिया में स्कूल के 12 साल से चलने की बात कही जा रही है, जबकि हमारे स्कूल को 26 साल चलते हो चुके हैं। हमारे मान, प्रतिष्ठा के खिलाफ ये साजिश है जिसमे ज़रा सी भी सच्चाई नहीं है। हमारा स्कूल नर्सरी से कक्षा 12 तक CBSE बोर्ड से है।”
प्रिंसिपल रीना सिंह के आगे कहा, “क्या ये सम्भव है कि नोएडा जैसे महानगर में कोई स्कूल 12 साल तक बिना मान्यता के चल जाए? अभी भी हमारा स्कूल बोर्ड की परीक्षाएँ आयोजित करवा रहा है। सभी स्टाफ और छात्र पहले की तरह काम और पढ़ाई कर रहे हैं। हमने कोरोना काल में भी अपने सभी कर्मचारियों को न सिर्फ नौकरी पर बनाए रखा, बल्कि उनकी सैलरी भी समय से बढ़ाई। हमारे स्कूल में 200 से अधिक टीचर और अन्य कर्मचारी काम करते हैं। वो सभी अपने मैनेजमेंट से पूरी तरह से संतुष्ट हैं।”
रीना सिंह ने आगे बताया, “हम जानते हैं कि हमारे खिलाफ ये शिकायत और साजिश कौन कर रहा है। फिर भी हम किसी का नाम नहीं लेना चाहते हैं। कोई भी हमारे स्कूल में आकर हमारे कामकाज को देख और समझ सकता है। हमने कोई भी काम गलत या गैर कानूनी नहीं किया है। मीडिया पता करे कि मेरठ के कमिश्नर ने आदेश की चिट्ठी किस के दबाव में और क्यों भेजी है?” उन्होंने कहा कि स्कूल के पास सभी जरूरी मान्यताएँ हैं। इस संबंध में चल रही खबरें गलत और अफवाह हैं।