तुशारा (Thushara) नाम की महिला ने केरल के एर्णाकुलम में एक नॉन हलाल रेस्तराँ खोला है। ट्विटर यूजर प्रतीश विश्वनाथ ने अपने अकाउंट के जरिए उनकी इस नई पहल की जानकारी दी है। उनके मुताबिक इस जगह सिर्फ़ गैर-हलाल खाना ही सर्व होता है और बाहर बैनर पर साफ-साफ यह लिखा है कि इस जलपान गृह में हलाल खाना प्रतिबंधित है।
Bravo Thushara ji. She opened first ever non halal exclusive hotel of Kerala in Ernakulam district. No discrimination needed in food. Her hotel will serve only non halal food. Eventhough I am vegan, visited her and extended all support. pic.twitter.com/geKDkkt7hy
— Pratheesh Viswanath (@pratheesh_Hind) January 14, 2021
तुशारा बताती हैं कि जब उन्होंने इसे शुरू किया तब कई मुस्लिमों ने उनके विचार का विरोध किया। लेकिन उन्होंने सभी की बातें सुनने के बाद भी अपने इस आइडिया पर काम किया। आज उन्हें इस रेस्तराँ को खोले डेढ़ साल बीत गए हैं। वह कहती हैं, “मुस्लिमों ने लगातार कहा कि ये सब ठीक नहीं है। जब भी हिंदू कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, मुस्लिम हस्तक्षेप जरूर करते हैं।”
एर्नाकुलम के इस रेस्तराँ में तमाम ग्राहक बिना किसी आपत्ति के खाना खाने आते हैं, जिसके आधार पर महिला कहती हैं, “जिन्हें मेरे नॉन-हलाल कॉन्सेप्ट से आपत्ति नहीं है उनका मैं स्वागत करती हूँ और जिन्हें परेशानी है, उनके पास यहाँ न आने का विकल्प है।”
महिला बताती हैं कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो बिना हलाल हुआ खाने को पसंद करते हैं इसलिए किसी के पास यह अधिकार नहीं है कि उन्हें हलाल खाना खिलाएँ। बाहर लगे बैनर के बारे में तुशारा कहती हैं कि भोजनालयों के बाहर गैर-हलाल बोर्ड रखने को इतना बड़ा मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।
Meet Smt Thushara from Palarivattom, Kochi who dared to put #NonHalal board infront of her Restaurant in Palarivattom, Ernakulam
— HKupdate (@HKupdate) January 14, 2021
May this change happen across Kerala
More power to Thushara & many more who will follow her path#BoycottHalal pic.twitter.com/RnTcqsfnNA
हलाल मीट का विरोध करने पर हो चुके हैं केरल में 4 लोग गिरफ्तार
गौरतलब है कि केरल में हलाल मीट को लेकर विवादों की सूची बहुत लंबी है। हाल में एक मामला आया था, तब ‘मोडी’ नाम की एक बेकरी पर हलाल मीट की उपलब्धता बताने के लिए स्टिकर लगा था, जिसे देखकर हिंदू संगठनों ने विरोध किया।
रिपोर्टों के अनुसार, यह मामला संगठन की पराक्कड़वु (Parakkadavu) इकाई के अध्यक्ष अरुण अरविंद और कुछ अन्य लोगों के बेकरी में पहुँचने के बाद शुरू हुआ था। जहाँ उन लोगों ने गैर-हलाल भोजन की माँग की। लेकिन उन्हें वहाँ जानकारी दी गई कि वे सिर्फ़ हलाल खाना ही सर्व करते हैं। इसके बाद पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ा और अरविंद समेत 4 गिरफ्तार कर लिए गए।
टाइम्स नाऊ के मुताबिक फिलहाल ये सब बेल पर हैं। लेकिन उनके संगठन ने हलाल खाने के विरुद्ध अपना कैंपेन और तेज कर दिया है। वह ऐसे उत्पादों और सेवाओं पर प्रतिबंध की माँग करते हुए अधिकारियों से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं।
इसके अतिरिक्त केरल के ईसाइयों ने भी केरल में हलाल मीट के बॉयकॉट का आह्वान किया था। कोच्चि स्थित क्रिश्चियन ग्रुप चर्च ऑक्जिलरी फॉर सोशल एक्शन (CASA) ने ईसाइयों से आग्रह किया कि वे अब हलाल भोजन न खरीदें। वहीं हिंदू समूहों ने भी ईसाइयों का समर्थन किया, क्योंकि उन्हें वहाँ पर हलाल मीट बेचने के लिए मजबूर किया जाता है।
इसके बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने इस पूरे अभियान को मुस्लिमों को टारगेट करने वाला अभियान बताया। मगर, CASA ने घोषणा की थी कि ईसाई क्रिसमस से कुछ दिन पहले अपना विरोध-प्रदर्शन करेंगे और इसके लिए गैर-हलाल तरीके से काटे गए जानवरों को खरीदने में पैसे लगाएँगे।
हलाल मीट क्या है?
हलाल मीट उसे कहा जाता है जिसकी पूरी प्रक्रिया में केवल मुस्लिम व्यक्ति ही शामिल हो। गैर मुस्लिमों को हलाल फर्म से जुड़ने की अनुमति भी नहीं होती। इस्लामी रिवाजों के मद्देनजर कुछ ऐसी शर्तें होती हैं जिसे हलाल के दौरान पूरा करना होता है। भारत में हलाल की सर्टिफिकेशन अथॉरिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर दिशा-निर्देश उपलब्ध हैं, जो यह स्पष्ट करते है कि गैर-मुस्लिम कर्मचारियों को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता और इसमें सिर्फ़ मुस्लिम कर्मचारी ही होते हैं। इसमें यह भी साफ लिखा है कि गैर मुस्लिम द्वारा काटा गया जानवर का मीट हलाल में नहीं आता।