Wednesday, November 6, 2024
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उस मजहब में नहीं रहना जिसने राम गोपाल मिश्रा को मार डाला: बहराइच हिंसा से आहत नूरी ने छोड़ा इस्लाम, मंदिर में फेरे ले बनी हिंदू

नूरी ने बताया कि बहराइच की घटना ने उसको एकदम से बदल डाला। इसके बाद से वह ऐसे मजहब में रहना ही नहीं चाहती थी जहाँ कोई कुछ सुनने को तैयार ही न हो। उसने कहा, "बताओ, बेचारे को झंडा लगाने के लिए मार डाला।"

13 सितंबर 2024: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महाराजगंज में दुर्गा विसर्जन जुलूस पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला किया। राम गोपाल मिश्रा की हत्या कर दी।

5 नवंबर 2024: उत्तर प्रदेश के ​ही अंबेडकर नगर जिले की नूरूनेहार उर्फ नूरी हिंदू बन गई। बहराइच हिंसा का जिक्र कर कहा कि ऐसे मजहब में नहीं रहना जो इंसान को इंसान न समझे।

नूरी ने सीतापुर जिले के एक मंदिर में शुद्धिकरण के बाद सनातन धर्म में वापसी की है। अब वह निशा नाम से जानी जाएगी। मंदिर में ही उसे अपने प्रेमी अखिलेश के साथ फेरे भी लिए। इस शादी के मौके पर बाराती और घराती दोनों की भूमिका में राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना के सदस्य थे।

23 साल की नूरी मूल रूप से अंबेडकर नगर जिले की रहने वाली है। उसके अब्बा का नाम मोहम्मद खलील है। वह लुधियाना की एक फैक्ट्री में नौकरी करती हैं। डेढ़ साल पहले यहीं पर उसकी मुलाकात 25 वर्षीय अखिलेश से हुई। अखिलेश मूलतः सीतापुर के निवासी हैं। फैक्ट्री में मुलाकात का सिलसिला बढ़ा तो दोनों में प्रेम हो गया।

इसके बाद उन्होंने शादी का फैसला किया। लेकिन अलग अलग धर्म के कारण परिजन रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे। अखिलेश ने अपने घर वालों को जैसे-तैसे समझा लिया। पर नूरी के परिजन काफी कोशिशों के बाद भी तैयार नहीं हुए। उलटे नूरी पर कई तरह की पाबंदियाँ लगा दी।

राम गोपाल की हत्या ने असमंजस को संकल्प में बदला

राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना के अध्यक्ष विकास हिन्दू ने ऑपइंडिया को बताया कि नूरूी शुरुआत में असमंजस में थी। वह शादी के बाद भी अपना मजहब नहीं छोड़ना चाहती थी। अखिलेश भी इसके लिए राजी था। लेकिन बहराइच की घटना के बाद उसका मन इस्लाम से उचट गया।

विकास हिन्दू ने बताया कि राम गोपाल मिश्रा की हत्या ने नूरी को हिला दिया। उनकी पत्नी को रोता-बिलखता देख वह विचलित हो गईं। उसके बाद उसने इस्लाम छोड़ घर वापसी का फैसला लिया।

नूरी ने फिर अपने फैसले से अखिलेश को अवगत कराया। अखिलेश ने बहराइच हिंसा के दौरान राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना को पीड़ितों की आवाज उठाते सोशल मीडिया पर देखा था। उसने विकास हिन्दू से बात की। फिर संगठन के सहयोग से शिव मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ दोनों ने शादी कर ली।

पति के साथ हवन करती नूरी

शुद्धिकरण के बाद नूरी और अखिलेश ने एक दूसरे के गले में जयमाला डाली। दोनों ने हवन किया और हिन्दू देवी-देवताओं के जयकारे लगाए। ऑपइंडिया के पास विवाह के फोटो और वीडियो के साथ नूरी द्वारा स्टाम्प पर दिया गया शपथ-पत्र मौजूद है। इस मौके पर नुरुनेहार ने बहराइच हिंसा से व्यथित हो कर हिन्दू धर्म अपनाने की बात दोहराई। उन्होंने रामगोपाल मिश्रा वाली घटना फेसबुक पर देखने की बात कहते हुए कहा- ऐसे धर्म में नहीं रहना। वहीं अखिलेश ने कहा, “जिस धर्म में इंसान को इंसान न समझे, उसी कारण नूरी हिन्दू बनीं।”

हिन्दू धर्म में नहीं है भेदभाव

ऑपइंडिया से बात करते हुए नूरी ने कहा कि हिन्दू धर्म में उसको सबसे अच्छी बात ये लगी है कि इसमें कोई भेदभाव नहीं है। हर कोई एक समान है। नूरी के मुताबिक यही वजह थी कि फैक्ट्री में काम करने वाले तमाम लोगों में उसने अखिलेश को ही चुना। अब नूरी अखिलेश के परिवार के साथ बेहद खुश है। वह महादेव शिव, माँ काली और दुर्गा की पूजा भी कर रही है। उसने बताया कि अखिलेश के परिवार वाले बेहद अच्छे हैं और उसका पूरा ध्यान रख रहे हैं।

मिल रही हैं कत्ल की धमकियाँ

नूरी के अनुसार अखिलेश से अफेयर के बाद उनको अपनी बुआ की तरफ से मौत की धमकियाँ मिल रही थी। नूरी की बुआ लुधियाना में ही रहती है। उसने अखिलेश की हत्या करने की भी बात कही थी। नूरी को उसके भाई ने गाँव ले जाकर बाँध कर पीटा भी था। अब वह चाहती है कि उसका परिवार भी इस रिश्ते को कबूल कर ले।

बदल दिया बहराइच ने

नूरी ने बताया कि बहराइच की घटना ने उसको एकदम से बदल डाला। इसके बाद से वह ऐसे मजहब में रहना ही नहीं चाहती थी जहाँ कोई कुछ सुनने को तैयार ही न हो। उसने कहा, “बताओ, बेचारे को झंडा लगाने के लिए मार डाला।”

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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