Saturday, November 16, 2024
Homeदेश-समाजजस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर को दिल्ली हिंसा से जोड़ लिबरल गैंग ने फैलाया प्रोपेगेंडा,...

जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर को दिल्ली हिंसा से जोड़ लिबरल गैंग ने फैलाया प्रोपेगेंडा, सच्चाई कुछ और…

मंगलवार आधी रात और बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद जस्टिस मुरलीधर के तबादले की खबर आते ही मीडिया गिरोह प्रोपेगेंडा बढ़ाने में लग गया। बाद में पता चला कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी को ही उनके तबादले की सिफारिश कर दी थी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में दंगों के बाद अब तनावपूर्ण शांति है। लेकिन, मीडिया गिरोह और लिबरल गैंग अब भी सच्चाई बताने की जगह अपना प्रोपेगेंडा चलाने से बाज नहीं आ रहा। पहले तो भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर हिंसा का ठीकरा फोड़ने की कोशिश की गई और अब जजों के तबादले के बहाने झूठ फैलाया जा रहा है।

लिबरल गैंग ने जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले को दिल्ली हिंसा की सुनवाई से जोड़ने की कोशिश कर यह संदेश देने की कोशिश की कि उनका तबादला कपिल मिश्रा से जुड़े मामले की सुनवाई के कारण हुई है। अब मीडिया गिरोह की इस प्रकार की रिपोर्टिंग में कितनी सच्चाई है, आइए जानते हैं।

मंगलवार आधी रात और बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद खबर आई कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की सलाह पर जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया है। अब ये फैसला कब लिया गया इससे मीडिया गिरोह को कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने इस खबर के बहाने अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाया।

गिरोह ने हेडलाइन के जरिए पाठकों को ये बताने की कोशिश की कि जस्टिस एस मुरलीधर अब कपिल मिश्रा द्वारा दी हेट स्पीच के मामले में सुनवाई नहीं करेंगे। उनका ट्रांसफर कर दिया गया है। सोचिए, ऐसी हेडलाइन पढ़कर किसे मोदी सरकार, फासीवादी नहीं लगेगी। आखिर क्यों पाठक के मन में सरकार के प्रति सवाल नहीं खड़े होंगे। पाठक पूछने थोड़ी जाएगा कि वामपंथी मीडिया ने ऐसा क्यों लिखा और वैसा क्यों नहीं। उसे तो जो परोसा जाएगा, वो उसे ही ग्रहण करेगा न।

खैर, जैसे ही सोशल मीडिया पर ये खबर तूल पकड़ने लगी वैसे ही इस मामले पर आगे की जानकारी आ गई। जिसमें बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी को उनके स्थानांतरण की सिफारिश की थी। इसके बाद ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सीजीआइ बोबडे की सलाह पर दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में प्रभार सँभालने का निर्देश दिया। ऐसा रूटीन प्रक्रिया के तहत किया गया। जस्टिस मुरलीधर के अलावा दो और जजों के तबादले के आदेश जारी किए गए हैं। इनमें से एक मुंबई हाईकोर्ट से तो दूसरे कर्नाटक हाईकोर्ट से संबद्ध हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Searched termsदिल्ली हाईकोर्ट, जस्टिस मुरलीधर, जस्टिस मुरलीधर का तबादला, दिल्ली हाई कोर्ट जस्टिस मुरलीधर, दिल्ली हाई कोर्ट कपिल मिश्रा, दिल्ली दंगों में आप की भूमिका, आप पार्षद ताहिर हुसैन, आप नेता ताहिर हुसैन, ताहिर हुसैन वीडियो, कपिल मिश्रा ताहिर हुसैन, अंकित शर्मा का भाई, आईबी कॉन्स्टेबल की हत्या, अंकित शर्मा की हत्या, चांदबाग अंकित शर्मा की हत्या, दिल्ली हिंसा विवेक, विवेक ड्रिल मशीन से छेद, विवेक जीटीबी अस्पताल, विवेक एक्सरे, दिल्ली हिंदू युवक की हत्या, दिल्ली विनोद की हत्या, दिल्ली ब्रहम्पुरी विनोद की हत्या, दिल्ली हिंसा अमित शाह, दिल्ली हिंसा केजरीवाल, दिल्ली हिंसा उपराज्यपाल, अमित शाह हाई लेवल मीटिंग, दिल्ली पुलिस, दिल्ली पुलिस रतनलाल, हेड कांस्टेबल रतनलाल, रतनलाल का परिवार, ट्रंप का भारत दौरा, ट्रंप मोदी, बिल क्लिंटन का भारत दौरा, छत्तीसिंह पुरा नरसंहार, दिल्ली हिंसा, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, दिल्ली पुलिस, करावल नगर, जाफराबाद, मौजपुर, गोकलपुरी, शाहरुख, कांस्टेबल रतनलाल की मौत, दिल्ली में पथराव, दिल्ली में आगजनी, दिल्ली में फायरिंग, भजनपुरा, दिल्ली सीएए हिंसा
ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -