उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में दंगों के बाद अब तनावपूर्ण शांति है। लेकिन, मीडिया गिरोह और लिबरल गैंग अब भी सच्चाई बताने की जगह अपना प्रोपेगेंडा चलाने से बाज नहीं आ रहा। पहले तो भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर हिंसा का ठीकरा फोड़ने की कोशिश की गई और अब जजों के तबादले के बहाने झूठ फैलाया जा रहा है।
लिबरल गैंग ने जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले को दिल्ली हिंसा की सुनवाई से जोड़ने की कोशिश कर यह संदेश देने की कोशिश की कि उनका तबादला कपिल मिश्रा से जुड़े मामले की सुनवाई के कारण हुई है। अब मीडिया गिरोह की इस प्रकार की रिपोर्टिंग में कितनी सच्चाई है, आइए जानते हैं।
मंगलवार आधी रात और बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद खबर आई कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की सलाह पर जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया है। अब ये फैसला कब लिया गया इससे मीडिया गिरोह को कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने इस खबर के बहाने अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाया।
President Ram Nath Kovind after consultation with Chief Justice of India Sharad Arvind Bobde, transfer Justice S. Muralidhar, Judge of Delhi High Court, as Judge of Punjab&Haryana High court, and direct him to assume charge of his office in Punjab&Haryana High Court.
— ANI (@ANI) February 26, 2020
Supreme Court Collegium, in its meeting held on February 12 (Wednesday) had recommended the transfer of Delhi High Court judge, Justice S Muralidhar to Punjab and Haryana High Court. https://t.co/lJBTbxYaqe
— ANI (@ANI) February 26, 2020
गिरोह ने हेडलाइन के जरिए पाठकों को ये बताने की कोशिश की कि जस्टिस एस मुरलीधर अब कपिल मिश्रा द्वारा दी हेट स्पीच के मामले में सुनवाई नहीं करेंगे। उनका ट्रांसफर कर दिया गया है। सोचिए, ऐसी हेडलाइन पढ़कर किसे मोदी सरकार, फासीवादी नहीं लगेगी। आखिर क्यों पाठक के मन में सरकार के प्रति सवाल नहीं खड़े होंगे। पाठक पूछने थोड़ी जाएगा कि वामपंथी मीडिया ने ऐसा क्यों लिखा और वैसा क्यों नहीं। उसे तो जो परोसा जाएगा, वो उसे ही ग्रहण करेगा न।
खैर, जैसे ही सोशल मीडिया पर ये खबर तूल पकड़ने लगी वैसे ही इस मामले पर आगे की जानकारी आ गई। जिसमें बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी को उनके स्थानांतरण की सिफारिश की थी। इसके बाद ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सीजीआइ बोबडे की सलाह पर दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में प्रभार सँभालने का निर्देश दिया। ऐसा रूटीन प्रक्रिया के तहत किया गया। जस्टिस मुरलीधर के अलावा दो और जजों के तबादले के आदेश जारी किए गए हैं। इनमें से एक मुंबई हाईकोर्ट से तो दूसरे कर्नाटक हाईकोर्ट से संबद्ध हैं।