दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन में बैठे किसानों की समस्याओं पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (जनवरी 12, 2021) को नए कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए आज अपना यह फैसला सुनाया। साथ ही, एक समिति बनाने की भी बात कही। लेकिन इस बीच, अदालत की चिंता को दरकिनार करते हुए किसान नेताओं ने बयान दिया है कि किसान आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीन कानूनों को लागू करने पर रोक लगाई। pic.twitter.com/0tixs3WY3f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2021
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ से बात करते हुए कहा, “कानून अपना काम करता रहेगा, लेकिन हमारा आंदोलन चलता रहेगा। हम संतुष्ट नहीं हैं। जब तक बिल वापसी नहीं होगी। हमारी भी घर वापसी नहीं होगी। कानून तो इन्हें वापस करना होगा।”
समिति पर पूछे गए सवाल पर किसान नेता ने कहा, “करेंगे बात करेंगे। सलाह करेंगे। सलाह मशविरा तो कर लेना चाहिए।” इसी प्रकार 26 जनवरी को निकाली गई ट्रैक्टर रैली को लेकर टिकैत ने कहा, “ये रैली होगी और जरूर होगी, देश आजाद हो चुका है उन्हें दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने की क्या जरूरत, वह झंडा फहराएँगे और उनको भी देंगे। कोई 26 जनवरी पर झंडा फहराहने की अनुमति लेता है क्या।”
#Exclusive #Breaking | BKU leader, Rakesh Tikait, speaks to TIMES NOW after SC order putting stay on the implementation of the farm laws.
— TIMES NOW (@TimesNow) January 12, 2021
‘We are not satisfied yet, will not be calling off the protest. Govt will have to roll back the laws.’
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आगे जब कोर्ट में किसान यूनियन की ओर से कोर्ट में अनुपस्थित प्रतिनिधि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जायज जवाब देने की बजाय कहा, “हाँ, तो छुट्टी पर चले गए होंगे। 15 तारीख की मीटिंग हो जाएगी। तय कर लेंगे फिर।”
टिकैत की तरह ही सिंघु बॉर्डर पर बैठे एक किसान ने भी समाचार एजेंसी एएनआई को कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन बंद हो जाए। यह सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले। जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट के रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन बंद हो जाए। यह सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले। जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा संघर्ष जारी रहेगा: सिंघु बॉर्डर से एक किसान https://t.co/lc1Nf5aQWX pic.twitter.com/7mUbuVYfWu
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