सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (9 जुलाई 2021) को ‘लव जिहाद’ से जुड़े एक मामले में ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस भेजा। यह नोटिस ओडिशा के रहने वाले एक हिंदू दंपति की याचिका पर भेजा गया है। याचिका में उन्होंने अपनी बेटी को ‘लव जिहाद’ से बचाने की माँग की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के वकील सुदर्शन मेनन ने जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष दलील पेश करते हुए लड़की के चंडीगढ़ में मुस्लिम युवक से निकाह करने और उसके बाद गायब होने की कहानी बताई। वकील ने कहा कि शादी के बाद बेटी कहाँ है, किस हाल में है, माता-पिता को इसकी कोई खबर ही नहीं है। उनकी बेटी निकाह के बाद से लापता हो गई है। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने तीनों राज्यों को नोटिस भेजा। सुनवाई की अगली तारीख 23 जुलाई तय की गई है।
लड़की के माता-पिता कविता और केदारनाथ ने अपनी बेटी की जान को खतरा होने की आशंका में सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus writ) दायर की थी। उनकी बेटी ने लखनऊ जाने से पहले ओडिशा के बेरहामपुर में जम्मू-कश्मीर के युवक के साथ बी फार्मा की पढ़ाई की थी। फिर नौकरी की तलाश में चंडीगढ़ चली गई और निकाह कर ली। उसकी आखिरी सुराग जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में मिला, उसके बाद से वह गायब है। लड़की ने जिस युवक से शादी की, वह बांदीपोरा का ही रहने वाला है।
लड़की के माता-पिता ने कहा कि बेटी किसी भी धर्म या जाति में विवाह करे, उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी अपनी पसंद के हिंदू, ईसाई या मुस्लिम लड़के से शादी करती है तो उन्हें उससे दिक्कत नहीं है। लेकिन उन्हें आशंका है कि शादी के लिए उनकी बेटी के साथ जबरदस्ती की गई है। उन्होंने बताया कि उन्हें उनकी बेटी से शादी करने वाले युवक के हिंदू लड़कियों का शिकार करने वालों के सिंडिकेट में शामिल होने की खबर मिली है।
माता-पिता ने कहा कि वे चंडीगढ़ गए और बेटी को अपने साथ लाने की कोशिश की, लेकिन उनके प्रयास विफल रहे। उन्होंने बताया कि मुस्लिम युवक के साथ उनकी बेटी ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई। बाद में याचिका वापस ले ली गई और वे दोनों गायब हो गए। माता-पिता ने कहा कि हमारा बेटी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि अपराधियों का सिंडिकेट उसे अवैध गतिविधियों या राष्ट्रीय सुरक्षा को लिए खतरनाक कार्यों के लिए मजबूर कर सकता है।