दक्षिण-पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने सिग्नल जूनियर इंजीनियर के लापता होने की खबरों का खंडन किया है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि ओडिशा के बालासोर रेल हादसे (Odisha Train Tragedy) की जाँच कर रही सीबीआई (CBI) ने सेक्शन सिग्नल जूनियर इंजीनियर आमिर खान का घर सील कर दिया है। दावा किया गया था कि वे बालासोर के सोरो में किराए के घर में रहते थे। लेकिन सीबीआई पूछताछ के बाद से परिवार के साथ गायब हैं।
सीपीआरओ चौधरी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि बहानागा स्टेशन के कर्मचारी के लापता होने के लेकर मीडिया में कुछ रिपोर्टें आई हैं। यह गलत है। सभी कर्मचारी मौजूद हैं और जाँच के दायरे में हैं। मीडिया रिपोर्टों में लापता होने वाले सेक्शन सिग्नल जेई (Signal JE) का नाम आमिर खान (Amir Khan) बताया गया था। कहा गया था कि उनसे सीबीआई ने किसी अज्ञात जगह पर पूछताछ की थी। लेकिन अब वह अपने घर से गायब हैं। इसके बाद सोमवार (19 जून 2023) को जाँच एजेंसी ने किराए का उसका घर सील कर दिया।
#WATCH | Balasore train accident | "A few media reports are coming in that a Bahanaga staff is absconding and missing. This is factually incorrect. The entire staff is present & a part of inquiry. They are appearing before agency," says Aditya Kumar Chaudhary, CPRO South Eastern… pic.twitter.com/Htc538cIFp
— ANI (@ANI) June 20, 2023
बालासोर के बहानागा रेलवे स्टेशन के पास 2 जून 2023 को हुए भीषण रेल हादसे में 292 लोगों की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जाँच में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (Railway Electronic Interlocking) में बदलाव के कारण यह दुर्घटना होने की बात सामने आई थी। 6 जून को मामले की जाँच सीबीआई को सौंपी गई थी। रिपोर्टों में बताया गया था कि जाँच टीम 16 जून को बालासोर से लौट गई थी। लेकिन सोमवार को अचानक से जाँच टीम वापस आई और सिग्नल जेई को परिवार सहित गायब पाने के बाद उसके घर को सील कर दिया। सिग्नल उपकरण, ट्रैक सर्किट, प्वाइंट मशीन और इंटरलॉकिंग सिस्टम की स्थापना, रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी सहित सिग्नल जेई की होती है। मोटे शब्दों में कहें तो ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में इसकी काफी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
क्या हुआ था बालासोर में?
ओडिशा रेल दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express Train) मेन लाइन से लूप लाइन पर चली गई थी। यह ट्रेन बाहानगा बाजार स्टेशन से थोड़ा सा पहले लूप लाइन (Loop Line) पर चली गई थी, जहाँ पहले से ही एक मालगाड़ी खड़ी थी। इसी मालगाड़ी से कोरोमंडल एक्सप्रेस टकरा गई थी। इस टक्कर के बाद ट्रेन के कुछ डिब्बे दूसरी लाइन पर जा गरे।
जिस मेन डाउन लाइन पर डिब्बे गिरे, उस पर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट जा रही थी, जिसकी टक्कर इन डिब्बों से हो गई और यह बड़ा हादसा हो गया। इसमें सिग्नल मेन लाइन पर सेट किया जाना था, लेकिन सेट कर दिया गया लूप लाइन पर। यही जाँच की कोशिश की जा रही है कि जानबूझकर किसी ने ऐसा किया या फिर किसी अन्य कारणों से यह हुआ। यदि ऐसा हुआ तो वो कौन से कारण थे।
नोट: सीपीआरओ का बयान आने के बाद इस रिपोर्ट को अपडेट किया गया है