इलाहबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच में आगरा स्थित ताजमहल को लेकर एक याचिका दायर की गई है। याचिका में ताजमहल में स्थित 20 तालाबंद कमरों को खोलने के लिए ‘भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI)’ को निर्देश देने की माँग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इन 20 तालाबंद दरवाजों के अंदर हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ और प्राचीन सनातन साहित्य पुरालेख स्थित हैं। इस याचिका को डॉक्टर रजनीश ने दायर किया है।
रजनीश अयोध्या जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मीडिया इंचार्ज हैं। अदालत में उनका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता रूद्र विक्रम सिंह कर रहे हैं। इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने के बाद वो अपनी दलीलें पेश करेंगे। याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक समिति गठित किए जाने की माँग की गई है, जो ताजमहल के तालाबंद कमरों में हिन्दू इतिहास के अवशेषों का पता लगाए। भाजपा नेता ने कहा कि इन कमरों को हमेशा लॉक्ड ही रखा जाता है और किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जाती।
उन्होंने कहा कि इन कमरों में हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के साथ-साथ सनातन साहित्य रखे हुए हैं, ऐसा माना जाता है। उन्होंने कहा कि इन कमरों को खोल कर जाँच के बाद विवादों को ख़त्म करने में कोई नुकसान नहीं है, इसीलिए उन्होंने ये याचिका दायर की है। इससे पहले 2016 में भी 6 वकील मिल कर एक याचिका दायर कर के दावा कर चुके हैं कि ताजमहल एक शिव मंदिर था। ‘बजरंग दल’ के संस्थापक विनय कटियार ने भी इस दावे को दोहराते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यहाँ का दौरा कर हिन्दू प्रतीकों को देखने का आग्रह किया था।
इसी तरह 2019 में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था कि ताजमहल को मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने नहीं, बल्कि राजा जयसिम्हा ने बनवाया था। हालाँकि, अब तक कई इतिहासकार और ASI ऐसे दावों को नकारता रहा है। फरवरी 2018 में आगरा कोर्ट में एक एफिडेविट डाल कर ASI ने कहा था कि ताजमहल को शाहजहाँ ने एक मकबरे के रूप में बनवाया था, जिसमें उसकी बीवी मुमताज महल का कब्र रखा गया था।
Open closed doors in Taj Mahal to ascertain presence of Hindu idols: Plea in HC
— ANI Digital (@ani_digital) May 8, 2022
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रजनीश सिंह ने बताया कि वो 2020 से ही ‘सूचना का अधिकार (RTI)’ के जरिए ये पता लगाने में जुटे हुए हैं कि उन 20 तालाबंद कमरों में क्या है। उन्होंने भारतीय संस्कृति मंत्रालय में RTI याचिका दायर की थी। संस्कृति मंत्रालय ने ‘केंद्रीय सूचना आयोग’ को बताया कि इन कमरों को सुरक्षा कारणों से बंद कर के रखा गया है। इसके अलावा इस सम्बन्ध में कोई अन्य विवरण नहीं दिए गए। कई दावों में ताजमहल को शिव मंदिर ‘तेजो महालय’ होने की बात भी कही जाती रही है।