पद्मश्री से सम्मानित मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. केके अग्रवाल का सोमवार रात (17 मई 2021) 12 बजे कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। हैरानी की बात यह है कि उन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ली हुई थी। फिर भी वह कोरोना संक्रमित हुए और आखिरी वक्त में उनकी हालत ऐसी हो गई कि उन्हें बचाने के लिए वेंटिलेटर तक की जरूरत पड़ गई।
Padma Shri awardee and former Indian Medical Association (IMA) president Dr KK Aggarwal passed away due to COVID19 at 12am: AIIMS official
— ANI (@ANI) May 18, 2021
(Photo source: Dr KK Aggarwal’s Facebook page) pic.twitter.com/zJcfwHjc0l
वैक्सीन लगवाने के बाद बीवी से बातचीत की वीडियो हुई थी वायरल
याद दिला दें कि कुछ दिन पहले डॉ केके अग्रवाल की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसमें उनकी पत्नी अकेले-अकेले वैक्सीन लगवाने पर उन पर नाराज हो रही थीं और वह अपनी पत्नी को लगातार मनाने की कोशिश कर रहे थे। उनकी पत्नी ने फोन पर कहा था, “बहुत अजीब हो यार तुम। मुझे साथ क्यों नहीं ले गए।” इस दौरान वह बार-बार कह रहे थे, “मैं तो बस पता करने गया था उन्होंने कहा कि अभी लगवा लो।”
इसके अलावा उनके कोविड संक्रमित होने के बाद भी एक वीडियो सामने आई थी। वीडियो में वह अपना कोविड एक्सपीरियंस शेयर कर रहे थे। अपनी वीडियो में उन्होंने ये भी स्पष्ट किया था कि यदि वैक्सीन के बाद भी कोरोना होता है तो आपको गंभीर निमोनिया हो सकता है। लेकिन वैक्सीन से मत डरिए, ये कोरोना से बचाता है।
संक्रमित होने के बाद कहा- निमोनिया हो गया है, लेकिन शो मस्ट गो ऑन
वीडियो में उन्होंने कहा था, “मैं भी संक्रमण से गुजर रहा हूँ। मुझे कोविड निमोनिया हो गया है, जो कि बढ़ रहा है। इसके बावजूद मुझे राज कपूर के शब्द याद आते हैं- द शो मस्ट गो ऑन… पिक्चर अभी बाकी है। लोग उन्हें शो मैन मानते हैं, लेकिन वो शो मैन नहीं, बल्कि धरती के सबसे प्रैक्टिकल इंसान थे। शो मस्ट गो ऑन। मेरे जैसे लोग ऑक्सीजन पर भी क्लासेस लेंगे और लोगों को बचाने की कोशिश करेंगे। मैं केके अग्रवाल नहीं, मैं मेडिकल प्रोफेशन में हूँ। हमारा जॉब है जुगाड़ू ओपीडी बनाना। मतलब आप 100-100 पेशेंट बुलाना, जिनमें एक तरह के लक्षण हों। उन्हें 15 मिनट में कंसल्टेशन देकर भेज दीजिए। इसी तरह माइल्ड और दूसरे केसेज को इकट्ठा बुलाइए, लेकिन अब वन-टू-वन कंसल्टेशन का समय चला गया है।”
गौरतलब है कि डॉ केके अग्रवाल का निधन आज हुआ। मगर, उनकी मौत की अफवाहें पहले से भी उड़ा दी गई थीं। 14 मई को उनके परिवार ने इनका खंडन किया था और बताया था कि डॉ अग्रवाल गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है। अफवाहों पर विश्वास न करें।
पद्मश्री से थे सम्मानित
केके अग्रवाल IMA के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के अलावा हार्ट केयर फाउंडेशन के भी प्रमुख थे। 2005 में उन्हें भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित बीसी रॉय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 2005 में ही उन्हें विश्व हिंदी सम्मान, डॉक्टर डीएस मुंगेकर नेशनल आईएमए अवॉर्ड, नेशनल साइंस कम्युनिकेशन अवॉर्ड, फिक्की हेल्थकेयर पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवॉर्ड और राजीव गाँधी एक्सीलेंस अवॉर्ड भी मिले। इसके बाद वर्ष 2010 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल थे।
श्रीकृष्ण को मानते थे पहला काउंसलर
दिल्ली से स्कूली शिक्षा लेने के बाद उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से 1979 में एमबीबीएस की डिग्री ली। फिर एमडी करके वह डॉक्टरी पेशे में बने रहे। न्होंने कई किताबें लिखी है। इसमें से एक का नाम-एलोवेदा है। अपनी इस किताब में उन्होंने भारत की प्राचीनतम चिकित्सीय पद्धति आयुर्वेद और मॉर्डन चिकित्सा पद्धति का समावेश किया। बाद में उनकी किताब के कई चैप्टर इंटरनेशनल प्रेस में भी पब्लिश हुए। वह मानते थे कि महाभारत के श्री कृष्ण विश्व के सबसे पहले काउंसलर थे। उन्होंने ये भी कहा था कि महाभारत हमारे मन में आते कई सवालों का एकमात्र जवाब है।
वैक्सीन के बाद कोरोना से मौत के तीन कारण
बता दें कि डॉ केके अग्रवाल के निधन के बाद लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर फिर संशय उठ गए है। कई लोगों को लगने लगा होगा कि ये वैक्सीन के कारण हुआ या कई लोगों को लग रहा होगा कि वैक्सीन का कोई प्रभाव नहीं है, तो लगवाएँ क्यों। ऐसे में हमें डॉ केके अग्रवाल के बयान को याद करने की जरूरत है जिसमें उन्होंने बताया था कि अगर वैक्सीन के बाद कोरोना बढ़ रहा है तो उसकी क्या वजह है। अपनी स्थिति को लेकर वह बोले थे कि उन्हें निमोनिया हो गया है जो बढ़ रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि कभी कभी पर्याप्त एंटीबॉडीज नहीं बनने के कारण भी वैक्सीन लगवाने के बावजूद संक्रमित होने का खतरा रहता है।