Monday, November 25, 2024
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‘दाढ़ी वाले पत्नी को उठा ले गए, 12 लोगों ने रेप कर बना दिया फातिमा’: पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार ऐसा, नवजातों को छोड़कर आए भारत

पाकिस्तान से आए एक हिंदू भागचंद भील कहते हैं वो लोग इज्जत बचाने के लिए सैंकड़ों परिवार तो अपना दर्द लेकर सामने ही नहीं आते क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कहीं यहाँ बोलने से पाकिस्तान में रहने वाले उनके रिश्तेदारों पर अत्याचार न बढ़ जाए।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के साथ होने वाली प्रताड़ना छिपी हुई नहीं है। लगातार वहाँ नाबालिग हिंदू बच्चियों को अगवा करने, जबर्दस्ती उनका निकाह और धर्मांतरण करने की खबरें आती ही रहती है। इस प्रताड़ना से जान बचाकर आए हिंदू भारत के अलग-अलग हिस्सों में शरणार्थी बनकर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। राजस्थान के जोधपुर और जैसलमेर में हाल में इन शरणार्थियों के घरों को प्रशासन ने उजाड़ दिया था। इन कार्रवाइयों ने एक बार इनके दर्द को चर्चा में ला दिया है।

इसी कड़ी में दैनिक भास्कर ने पाकिस्तान के कुछ हिंदू शरणार्थियों से बात की है। इन्होंने अपनी जो आपबीती बताई है वह रूह कँपा देने वाली है। किसी की पत्नी के साथ गैंगरेप हुआ था तो कुछ को अपने नवजात शिशुओं को सीमा पार ही छोड़कर आना पड़ा। यह भी पता चला है कि पाकिस्तान में रह रहे अपने रिश्तेदारों की सुरक्षा को देखते हुए वे अपना दर्द बयाँ करने से भी डरते हैं।

पाकिस्तान से भारत आए हिंदुओं का दर्द

भीलजी राणा, जो रहीमयार खान में मजदूरी करते थे। उन्होंने पाकिस्तान के हालातों पर बात करते हुए आपबीती बताई। उन्होंने कहा कि उनकी बीवी खेतों मजदूरी कर रही थी जब अचानक दाढ़ी वाले कुछ लोग आए और उनकी पत्नी -बेटी को अपने साथ ले गए। कुछ समय बाद जानकारी आई कि उनकी पत्नी को ले जाकर 12-12 लोगों ने गैंगरेप किया। उसके बाद उसका नाम बदलवाकर फातिमा कर दिया। बहुत मिन्नत पर बेटी को छोड़ा गया। इसलिए भीलजी अपनी बच्ची को लेकर हिंदुस्तान आ गए। अब उनके पास सिर्फ पत्नी का पासपोर्ट साइट फोटो बचा है। उन्हें नहीं पता कि उनकी पत्नी जिंदा है या मर गई।

इसी तरह एक हिंदू महिला भी जैसलमेर में रहती है जिसका पाकिस्तान में दुष्कर्म हुआ। उसके दिमाग पर इस घटना का ऐसा असर हुआ कि महिला ने अपनी बेटी भी पाकिस्तान में रिश्तेदार के पास छोड़ दी और भागकर भारत आ गई। वहीं वजीर नाम का युवक जहाँ 7 दिन के बच्चे को छोड़कर भारत दौड़ा तो विजय को 3 दिन के बच्चे को पाकिस्तान में छोड़कर जोधपुर आना पड़ा। पाकिस्तानी हिंदुओं का कहना है कि उस मुल्क के हालात ऐसे हैं कि लोग सिर्फ वीजा मिलने की तलाश में हैं। मौका मिले तो वो संपत्ति तो क्या अपने बच्चे भी यहीं छोड़ भाग जाएँ।

आगे पाकिस्तान में रहने वाले एक परिवार से बातचीत का भी रिपोर्ट में हवाला दिया गया है। परिवार का शख्श बताता है कि उनकी 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी को दबंग पुलिकर्मी का बेटा कट्टरपंथियों की मदद से उठाकर ले गया। घरवाले कुछ नहीं कर पाए। उन्हें ये तक नहीं पता बेटी के साथ हुआ क्या है। पाकिस्तान से आए एक हिंदू भागचंद भील कहते हैं वो लोग इज्जत बचाने के लिए सैंकड़ों परिवार तो अपना दर्द लेकर सामने ही नहीं आते क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कहीं यहाँ बोलने से पाकिस्तान में रहने वाले उनके रिश्तेदारों पर अत्याचार न बढ़ जाए।

लगातार भारत में शरण ले रहे पाकिस्तानी हिंदू

बता दें कि पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के आतंक के कारण अल्पसंख्यक लगातार वहाँ से भारत आ रहे हैं। रिपोर्ट में सीमांत लोक संगठन की स्टडी का उल्लेख है जो बताती है कि 1971 से करीबन 7 लाख पाकिस्तानी विस्थापित होकर राजस्थान आए हैं। लेकिन अफसोस यहाँ भी उन्हें अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए रोज संघर्ष करना पड़ता है। कुछ समय पहले राजस्थान में पाकिस्तानी हिंदुओं के घर से छत छीन ली गई थी। हालाँकि काफी विवाद के बाद आईएएस टीना डाबी ने इस मामले पर सुनवाई की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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