दिल्ली के जहाँगीरपुरी से जनवरी 2023 में गिरफ्तार किए गए आंतकी नौशाद और जगजीत सिंह जस्सा उर्फ याकूब बड़े नेताओं एवं साधुओं की हत्या कर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के यहाँ छिपने वाले थे। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने इन दोनों को हर टारगेट किलिंग के लिए एक से डेढ़ करोड़ रुपए देने की बात कही थी।
भलस्वा डेयरी इलाके में हिंदू युवक राज कुमार की गला रेतकर हत्या और उसके शरीर को 8 टुकड़ों में बाँटकर दोनों ने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को डेमो भेजा था। इसके बाद दोनों को टारगेट किलिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में इसका खुलासा किया है।
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा कि ISI ने दोनों को हत्या के बाद फिलहाल गिरफ्तार ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल के घर छिपाने का वादा किया था। चार्जशीट में कहा गया है कि अमृतपाल के घर पर सख्त पहरा रहता है और पुलिस भी उसके घर नहीं घुस सकती थी।
ISI की K2 (कश्मीर-खालिस्तान) डेस्क ने पंजाब में शिवसेना, बजरंग दल सहित अन्य हिंदू संगठनों के नेता और कॉन्ग्रेस के भी एक बड़े नेता की हिट लिस्ट बनाई थी। ISI इनकी हत्या के जरिए देश में दंगे कराना चाहती थी और हिंदुओं और सिखों के बीच में अविश्वास को पैदा करना चाहती थी, ताकि खालिस्तानी आतंकवाद को नए सिरे से हवा दी जा सके।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों आतंकियों- 29 साल के जगजीत सिंह जस्सा उर्फ याकूब (29) और 56 साल के नौशाद के खिलाफ अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) ऐक्ट (UAPA) के तहत बुधवार (10 मई 2023) को चार्जशीट दाखिल की।
निशाने पर थे हिंदू नेता
शिवसेना के एक नेता को मारने के लिए उन्हें एक करोड़ रुपए देने का वादा किया गया था। वहीं, कॉन्ग्रेस के एक नेता की हत्या पर उन्हें 1.5 करोड़ रुपए मिलने वाले थे। इसके अलावा बजरंग दल के एक नेता और एक खालिस्तान-विरोधी बड़े चेहरे की हत्या पर भी उन्हें डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपयए देने का वादा किया गया था।
बजरंग दल के नेता की हत्या के लिए नौशाद को हवाला के जरिए 2 लाख रुपए अडवांस में दिए गए थे। इसके अलावा, इन दोनों को हरिद्वार में दो साधुओं की भी हत्या करने का काम सौंपा गया था। लाल किले पर तैनात सुरक्षाकर्मी को गोली मारने और ग्रेनेड से हमला करने के लिए कहा गया था। ISI ने उन्हें हैंड ग्रेनेड भी मुहैया कराए थे। पुलिस ने उसे बरामद कर लिया है।
दिल्ली पुलिस के पास इन दोनों आतंकियों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के बीच हुए चैट का डीटेल है। चैट के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का के-2 (कश्मीर-खालिस्तान) डेस्क इन दोनों आतंकियों के बर्बर कारनामे से बहुत प्रभावित था और इनके माध्यम से वह देश में टारगेट किलिंग को अंजाम देना चाहता था।
लाल किले के हमलावर के संपर्क में थे दोनों
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के आरोप पत्र में कहा गया है कि नौशाद पाकिस्तान में बैठे ISI के हैंडलर और लश्कर के आतंकी सोहेल के संपर्क में था। वहीं, जगजीत विदेश में बैठे गैंगस्टर और खालिस्तान समर्थक आतंकी अर्श डल्ला के संपर्क में था।
मोहम्मद सोहेल को साल 2000 में लाल किले पर हुए हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे तिहाड़ जेल में बंद किया गया था। उसी जेल में नौशाद भी बंद था। वहीं पर दोनों की मुलाकात हुई थी। साल 2013 में सोहेल रिहा हुआ और पाकिस्तान भाग गया। वह वहीं रहकर कर भारत के खिलाफ काम करने लगा।
इसके अलावा, दोनों आतंकी पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन हरकत उल अंसार के नज़ीर भट, नासिर खान, नज़ीर खान और हिजबुल मुजाहिद्दीन के नदीम के संपर्क में भी थे। इन सभी को ISI के निर्देश पर काम करने को कहा जाता था। 56 वर्षीय नौशाद और 29 वर्षीय जगजीत पाकिस्तान द्वारा दिए गए टारगेट कीलिंग को अंजाम देने के करीब पहुँच गए थे।
हरकत उल अंसार का सदस्य नौशाद
नाैशाद हरकत उल अंसार का सदस्य है। वह दो हत्या के मामले में शामिल था। इसमें उसे उम्रकैद की सजा मिल चुकी है। इसके अलावा उसे बम धमाके के मामले में भी 10 वर्ष की सजा हुई है। वहीं, जगजीत सिंह बंबीहा गैंग का सदस्य है। हत्या के मामले में पैरोल जंप भी कर चुका है।
ISI ने जब दोनों को यह सौंपा था तो नौशाद और जगजीत ने अपने हैंडलर का भरोसा जीतने के लिए एक हत्या को अंजाम दिया और उसका वीडियो पाकिस्तान भेज दिया। दोनों राजकुमार उर्फ राजा नाम के हिंदू लड़के का अपहरण करके उसे भलस्वा डेयरी ले गए। दोनों ने वहाँ पर उसका गला रेता और उसके शरीर को 8 टुकड़ों में काटा। इसका वीडियो पाकिस्तान भेजा। राजा के हाथ पर भगवान शिव का टैटू बना हुआ था। इसी के माध्यम से उन्होंने उसके हिंदू होने की पहचान की थी।
गिरफ्तारी के बाद इन दोनों के मोबाइल फोन से युवक का सिर कलम करने और उसके शरीर के टुकड़े करने वाला वीडियो मिला था। इसके अलावा, विदेश में बैठे हैंडलर को वीडियो भेजने और सिग्नल पर उससे चैट करने का डिटेल भी मिला था। पुलिस के अनुसार, हल्द्वानी जेल में बंद रहने के बाद दोनों एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। दोनों को पिछले साल अप्रैल-मई में परोल पर छोड़ा गया था। इसके बाद वे अपने काम में लग गए थे।