पालघर, महाराष्ट्र में साधुओं की लिंचिंग पर महाराष्ट्र सीआईडी ने बुधवार (जुलाई 15, 2020) को दहानू कोर्ट में 126 व्यक्तियों और दो नाबालिगों के नाम वाले दो आरोप पत्र (चार्ज शीट) दायर किए।
महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है कि दो चार्जशीट में क्रमशः 5000 पेज और 6000 पेज शामिल हैं, जो कि प्रारंभिक चार्ज शीट हैं, में जाँच जारी रहेगी। आरोप पत्र में उल्लेख किया गया है कि साधुओं की लिंचिंग अफवाहों पर आधारित थी और इसका कोई धार्मिक कारण नहीं था।
Palghar mob lynching: Maharashtra CID files two chargesheets, dismisses religious angle https://t.co/qhQP4OivhF
— Republic (@republic) July 15, 2020
25 आरोपियों को जमानत देने से इनकार
रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे पहले दिन, सत्र अदालत ने पालघर में मॉब लिंचिंग के मामले में 25 आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपित ने तकनीकी आधार पर जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे पालघर जिला अदालत ने खारिज कर दिया है।
जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए पब्लिक प्रोसीक्यूटर सतिश मानसिंदे ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने ‘आरोपितों के खिलाफ कई सबूत’ एकत्र किए थे, जिसमें मोबाइल कॉल डेटा रिकॉर्ड और अन्य तकनीकी सबूत शामिल थे।
इन सबूतों के आधार पर जाँच से साबित हुआ कि उस रात पालघर के कासा में गडचिंचले गाँव के पास घटना के समय आरोपित मौजूद थे, जब 500 की भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
केंद्र ने संत समुदाय को आश्वासन दिया है कि वह इस संगीन अपराध के मामले में महज एक दर्शक नहीं होगा, बल्कि केवल तभी हस्तक्षेप कर सकता है जब राज्य सरकार सहमति या सक्षम अदालत ऐसा करने का आदेश दे।
उल्लेखनीय है कि गत 16 अप्रैल को, महाराष्ट्र के पालघर जिले के गड़चिनचले गाँव में तकरीबन 200 लोगों की भीड़ द्वारा तीन लोगों को कथित तौर पर चोर समझकर मौत के घाट उतार दिया गया था, जिनमें दो साधू और एक उनका ड्राइवर शामिल था।
यह पूरी घटना वहाँ मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। इसके बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जूना अखाड़े के दो साधु महंत सुशील गिरी महाराज (35), महंत चिकने महाराज कल्पवृक्ष गिरी (65) अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे (30) के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। उन्होंने वैन किराए पर ली थी। कोरोना वायरस के दौरान जारी लॉकडाउन के बीच वे 120 किलोमीटर का सफर तय कर चुके थे।
जबकि पुलिस शुरू में इस मामले की जाँच कर रही थी, महाराष्ट्र राज्य के गृह मंत्रालय ने मामले को राज्य सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया है। इसके अलावा, महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे को सांप्रदायिक एंगल देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है, जबकि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि सभी संदिग्ध पीड़ितों के एक ही धर्म के थे।
महाराष्ट्र राज्य सरकार ने साधुओं की हत्या और मॉब लिंचिंग के लिए सांप्रदायिक कारण को खारिज कर दिया था। लेकिन संत समुदाय में आशंकाओं के कारण, इस मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जबकि दो याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं – एक इस हत्या के मामले को एनआईए और दूसरी इस मामले को सीबीआई को सौंपने को लेकर है।