महाराष्ट्र के पालघर साधु लिंचिंग मामले में दो साधुओं के साथ मारे गए एक ड्राइवर के परिवार की मदद करने के लिए अभिनेत्री रवीना टंडन ने लोगों से मदद के लिए एक औपचारिक अपील करते हुए ट्वीट किया था। इस फण्ड रेजर को मानवाधिकार कार्यकर्ता रितु राठौर ने शुरू किया है। रवीना टंडन ने उसी अपील को आगे बढ़ाते हुए लोगों से मदद के लिए कहा था।
A fund raiser for the 29 yr old driver who was lynched along with hindu sadhus 🙏 He leaves behind two little girls , please do your bit and help this family . https://t.co/dV8HbvrHRS
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) April 23, 2020
अभिनेत्री रवीना टंडन ने मृतक ड्राइवर नीलेश तेलवाडे की माता, भाई, पत्नी और दोनों बेटियों का एक वीडियो अपलेड करते हुए ट्वीट किया है। ट्वीट में रवीना ने लिखा है, “हम 29 साल के ड्राइवर के लिए, जो हाल ही में हुए पालघर मॉब लिंचिंग में साधुओं के साथ मारे गए, फंड इकट्ठा कर रहे हैं। उनकी दो छोटी लड़कियाँ हैं। कृपया अपने स्तर से मदद करें।”
रवीना टंडन द्वारा पोस्ट की गई वीडियो में सुना जा सकता है कि मृतक का भाई पहले को परिवार से परिचय कराता है और फिर मृतक नीलेश की पत्नी अपनी परिवार की स्थिति से अवगत कराते हुए बताती हैं कि परिवार में वो, माताजी, उनके भाई और दो बेटियाँ हैं, “परिवार में वही एक कमाने वाले थे। अभी तक हम उनके ही सहारे जी रहे थे। आगे का भविष्य कैसा होगा। उनके भरोसे ही हमारा घर चल रहा था। आगे का हम लोग क्या करें हमें कुछ समझ नहीं आ रहा है।” हालाँकि, यह मुहीम एक फण्ड रेज़र की तरह नहीं बल्कि अपने स्तर से मदद की अपील थी।
पालघर साधु लिंचिंग मामला
दरअसल घटना 16 अप्रैल महाराष्ट्र की है। जूना अखाड़ा के 2 महंत कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70 वर्ष), महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष) अपने ड्राइवर नीलेश तेलगडे (30 वर्ष) के साथ मुंबई से गुजरात अपने गुरु भाई को समाधि देने के लिए जा रहे थे। रास्ते में उन्हें महाराष्ट के पालघर जिले में स्थित दहानु तहसील के गडचिंचले गाँव में पालघर थाने के पुलिसकर्मियों ने पुलिस चौकी के पास रोका।
इस बीच करीब 200 लोगों की भीड़ ने जूना अखाड़े के दो संतों और उनके ड्राइवर की पुलिस के सामने ही बड़ी बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इन दो हिन्दू साधुओं और ड्राइवर की लिंचिंग का मामला तीन दिन बाद सामने आया।
घटना के ह्रदयविदारक कई वीडियो जब सामने आए तो लोगों ने सोशल मीडिया पर उद्धव सरकार पर निशाना साधा और घटना की कड़ी निंदा भी की थी। वहीं मॉब लिंचिंग मामले में अभी तक 101 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। इसके बाद घटना से नाराज अखिल भारतीय संत समिति ने मामले की CBI से जाँच कराने की माँग की है। साथ ही समिति ने कहा था कि उन्हें महाराष्ट्र के गृहमंत्री पर भरोसा नहीं है।
नोट: ये स्टोरी अप्रैल 25, 2020 को 9.50 pm पर अपडेट की गई है।