Saturday, July 27, 2024
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पालघर मॉब लिंचिंग: अखिल भारतीय संत समिति ने की CBI जाँच की माँग, कहा- महाराष्ट्र के गृहमंत्री पर भरोसा नहीं

दो पूज्य संतों और उनके ड्राइवर की निर्मम हत्या का होना महाराष्ट्र के अंदर कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करता है। इसलिए माननीय गृह मंत्री भारत सरकार से आग्रह है कि संत समिति द्वारा सुझाए बिंदुओं पर केंद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई द्वारा जाँच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करवाने की कृपा करें।

महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो संन्यासियों की मॉब लिंचिंग पर अखिल भारतीय संत समिति ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा है। पत्र लिखकर अखिल भारतीय संत समिति ने पालघर मॉब लिंचिंग की सीबीआई जाँच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। पत्र में हत्या के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताई गई है। यह पत्र अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्र नंद सरस्वती ने लिखा है।

अखिल भारतीय संत समिति महाराष्ट्र के पालघर जिले के गडचिंचले गाँव में जूना अखाड़े के दो संतों की निर्मम हत्या पर दुखी है। इस घटना से पूरे विश्व का हिंदू समाज मर्माहत है लेकिन घटना के समय और परिस्थितियों को लेकर संघ समिति के मन में कई सवाल है। क्योंकि गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित गडचिंचले का पूरा इलाका क्रिस्टो क्रिश्चियन एवं नक्सलियों के कारण कुख्यात माना जाता है।

क्षेत्र में दो पूज्य संतों और उनके ड्राइवर की निर्मम हत्या का होना महाराष्ट्र के अंदर कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करता है। इसलिए माननीय गृह मंत्री भारत सरकार से आग्रह है कि संत समिति द्वारा सुझाए बिंदुओं पर केंद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई द्वारा जाँच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करवाने की कृपा करें।

उन्होंने कहा कि जूना अखाड़े के संत कल्पवृक्ष गिरि, सुशील गिरि उत्कृष्ट कोटि के संत थे। उन्हें जिस तरह से पुलिस की मौजूदगी में पीट-पीट कर मौत के घाट उतारा गया, वह अमानवीय व क्रूरता की इंतहा है। यह घटना महाराष्ट्र पुलिस की विफलता का आइना है। ऐसे में इसकी जाँच स्थानीय एजेंसी से कराए जाने का कोई तुक नहीं है। इनके अलावा अन्य संतों ने दोषियों को फाँसी देने की माँग की है।

पालघर मॉब लिंचिंग पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री पर भरोसा नहीं

पत्र में आगे लिखा गया है कि अखिल भारतीय संत समिति जूना अखाड़े के साथ खड़ी है वो चाहे जो भी निर्णय ले। महाराष्ट्र सरकार ने न्याय पूर्ण कार्रवाई नहीं की तो अखिल भारतीय संत समिति देशभर में आंदोलन खड़ा करेगी। संपूर्ण मामले में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल देशमुख की भूमिका संदिग्ध है। इसलिए विश्वास नहीं कर सकते क्योंकि घटना को एक ही समुदाय का मामला बताते हुए ट्वीट करना एकपक्षीय है। इसलिए मामले की सीबीआई जाँच कराने की कृपा करें।

बता दें कि गुरुवार (अप्रैल 16, 2020) को मॉब लिंचिंग कर हत्या की घटना का वीडियो 3 दिन बाद रविवार को वायरल हुआ, जिसके बाद लोगों को सच्चाई पता चली थी। पालघर मॉब लिंचिंग का ये वीडियो दिल दहला देने वाला है। उस वीडियो को देख कर कोई भी काँप उठे। इस वीडियो में दिख रहे एक संदिग्ध व्यक्ति की पहचान को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने जानकारी माँगी थी। पता चला है कि वो शरद पवार की पार्टी का आदमी है। उसका नाम काशीनाथ चौधरी बताया गया। लेकिन, मीडिया का एक बड़ा वर्ग इस पर चुप है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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