हमारे आस-पास इस तरह की अनेक कहानियाँ जिन्हें सुना और समझा जाना चाहिए। ऐसी ही एक कहानी 9 पैरा एसएफ (स्पेशल फोर्सेज) के एसएम (गैलेंट्री) सेवानिवृत्त, हवलदार प्रदीप थापा की है। जिनके साथ देश की सेवा करने के दौरान एक दुर्घटना हुई जिससे उनका पूरा जीवन प्रभावित हो गया। वह अपने परिवार के घर चलाने वाले इकलौते सदस्य थे इसलिए फ़िलहाल उनके लिए हालात इतने सामान्य नहीं हैं।
सोबर मैन नाम के ट्विटर एकाउंट से इस पूरे मामले की जानकारी साझा की गई। ट्वीट में हवलदार प्रदीप थापा का परिचय दिया गया है। इसके बाद उनके बारे में बताया गया है कि हवलदार प्रदीप थापा 9 पैरा एसएफ का हिस्सा थे और सेना मैडल (गैलेंट्री) रिटायर्ड, एक पैरा जंप के दौरान वह लकवाग्रस्त हो गए थे, पैराशूट से कूद कर अलग होने के दौरान उनकी रीढ़ टूट गई थी। नतीजतन उनके शरीर का निचला हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया और 17 जुलाई 2015 को उन्हें दिल्ली कैंट स्थित बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
We (@elitepredatorss) are running a campaign approved by authorities to help him . You contribute by this link –https://t.co/KHy388jPVl
— sober_man 😁 (@StonerPsychic) October 8, 2020
Pls help guys , please .
The brave has saved us civilians from countless adversaries , it's our time to return a bit 🙏🙏
रीढ़ पर हुई उस चोट का असर इतना ज़्यादा पड़ा कि वह अपने हाथों का इस्तेमाल भी सीमित रूप से ही कर पाते हैं। अंततः 2 मई 2018 को उन्हें उनकी सेवाओं से मुक्त कर दिया गया। हवलदार प्रदीप थापा के पर उनके घर की पूरी ज़िम्मेदारी थी, वह घर में कमाने वाले इकलौते व्यक्ति थे। लिहाज़ा उनसे ज़्यादा परेशानियाँ और चुनौतियाँ उनके परिवार वालों के सामने थीं। यानी उनका परिवार मदद की उम्मीद में था।
Do read this as a clarification for why government is not helping .
— sober_man 😁 (@StonerPsychic) October 8, 2020
This is not for his medical treatment , it is for his family . pic.twitter.com/qUvMKRBnp0
हवलदार प्रदीप थापा की जानकारी देते हुए कई ट्वीट किये गए थे जिसमें एक ट्वीट सर्वाधिक उल्लेखनीय था। उस ट्वीट में इस बात का ज़िक्र था कि देश की सेवा के दौरान इस तरह की दुर्घटना का शिकार होकर मुश्किल हालातों के सामना कर रहे वीरों के लिए एक मुहिम (हीरोज़ इन नीड) चलाई जा रही है। इस मुहिम के तहत देश की सेवा करने वालों के परिवार वालों की मदद की जाएगी। यानी मुहिम के ज़रिए हवलदार प्रदीप थापा के परिवार की भी मदद की जाएगी। इस मुहिम के अंत में लिखा भी है कि किसी भी व्यक्ति की छोटी से छोटी मदद भी बड़े बदलाव की सूरत ले सकती है।