पैसे और तोहफा लेकर हीरानंदानी समूह के लिए संसद में सवाल पूछने को लेकर तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) घिरी हुई हैं। इस मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी। इस शिकायत को संसद की आचार समिति को भेज दिया गया था। अब समिति ने सांसद दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को बुलाया है।
दरअसल, जय अनंत देहाद्राई द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा की शिकायत ओम बिरला से की थी। अब संसद की आचार समिति ने दुबे और देहाद्राई को सबूत देने के लिए 26 अक्टूबर 2023 को बुलाया है। इसके लिए समिति ने दोनों को पत्र लिखा है।
Ethics Committee calls Nishikant Dubey and Advocate Jai Anant for giving evidence against TMC MP Mahua Moitra pic.twitter.com/ga3Di2Hcjb
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_) October 18, 2023
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई का हवाला दिया है। अपने पत्र में भाजपा सांसद ने टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर लोकसभा में सवाल पूछने के नाम पर घूस लेने का आरोप लगाया है। उसे सदन की अवमानना करार देते हुए उन्होंने लिखा कि इसकी तत्काल जाँच कर कार्रवाई की जाए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के लिखे गए पत्र में निशिकांत दुबे ने लिखा है, “मुझे अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई का एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने महुआ मोइत्रा पर सवाल के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।” उन्होंने पत्र में लिखा है कि एक प्रसिद्ध बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के बिजनेस हितों को ध्यान में रखते हुए सवाल पूछे गए।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पत्र में लिखा कि तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा हालिया में पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल ऐसे हैं, जो दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें फायदा पहुँचाने के लिए पूछे गए हैं।
इसके बाद महुआ ने मंगलवार (17 अक्टूबर 2023) को निशिकांत दुबे, जय अनंत देहाद्राई और कई मीडिया संगठनों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया। सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई की चिट्ठी के आधार पर गंभीर आरोप लगाए, जिसे मीडिया हाउसों ने खबर के तौर पर छापा।
महुआ मोइत्रा ने अपनी नोटिस में सभी मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ कंटेंट हटाने के लिए भी कहा था और 24 घंटे में ऐसा न करने पर कार्रवाई की धमकी दी थी। टीएमसी सांसद ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि आरोप झूठे हैं और राजनीतिक लाभ लेने और उनके खिलाफ व्यक्तिगत बदला लेने के लिए लगाए गए हैं।
महुआ मोइत्रा द्वारा भेजे गए नोटिस की कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है। मोइत्रा ने दुबे की शिकायत पर कई ट्वीट और समाचार रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए कहा, “नोटिस नंबर 3 से 21 (मीडिया घरानों) द्वारा किए जा रहे ऐसे ट्वीट्स, वीडियो और समाचार रिपोर्टों में हमारे क्लाइंट्स पर लगाए गए मानहानिकारक आरोप शामिल हैं और प्रचारित किए जाते हैं, जो प्रथम दृष्टया झूठे, गलत हैं और राजनीतिक लाभ उठाने और व्यक्तिगत बदला लेने के लिए बनाए गए हैं। इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है।”
मोइत्रा ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न मुद्दों पर मतभेद के कारण उनका दुबे से टकराव होता रहा है। उनका दावा है कि मार्च 2023 में, उन्होंने दुबे की शैक्षिक योग्यता और उनके चुनाव नामांकन पत्रों में किए गए खुलासों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाकर उन्हें ‘परेशान’ कर दिया था।
महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली थी और अपने कामों से हीरानंदानी ग्रुप को फायदा पहुँचाया। इस मामले में शुक्रवार (20 अक्टूबर, 2023) को न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। निशिकांत दुबे ने रविवार (17 अक्टूबर, 2023) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था। दावा किया गया कि इनमें से कुछ सवाल अडानी समूह से संबंधित थे, जो हीरानंदानी का प्रतिस्पर्धी है।