पटना हाई कोर्ट ने मल्लिक वासिफ मोहम्मद हसनैन बासु को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। हसनैन पर आरोप है कि उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर देवी दुर्गा का अपमान करने वाला एक वीडियो साझा किया है। लॉ बीट की रिपोर्ट के अनुसार, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की पीठ ने वासिफ हसनैन को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, हसनैन ने आईपीसी की धारा 153 (ए), 295 (ए), 505 (2) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत उनके खिलाफ दायर एक मामले में अग्रिम जमानत की माँग करते हुए पटना उच्च न्यायालय का रुख किया था।
हसनैन की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल को इस मामले में झूठे आरोप लगाकर फँसाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि हसनैन अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड किए गए देवी दुर्गा के अपमानजनक वीडियो के बारे में नहीं जानते हैं। वकील ने यह भी दलील दी कि हसनैन का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था और उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने आगे दावा किया कि हसनैन का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उनके खिलाफ गवाह से छेड़छाड़ का भी कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
इस बीच, राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत में कहा कि हसनैन द्वारा अपलोड किए गए वीडियो में देवी दुर्गा के संबंध में अपशब्दों का प्रयोग किया गया है। उन पर अपमानजनक टिप्पणी की गई है। उन्होंने तर्क दिया कि हसनैन का कृत्य और कुछ नहीं बल्कि समाज में सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वाला था।
इस मामले पर विचार करने के बाद कोर्ट ने फैसला किया कि हसनैन का कृत्य अग्रिम जमानत के लिए उपयुक्त नहीं है। फिर भी यह कहा गया कि यदि हसनैन अदालत में आत्मसमर्पण करता है और सामान्य जमानत का अनुरोध करता है, तो एक बार फिर से इस मामले में विचार किया जा सकता है।