बिहार में पटना के फुलवारी शरीफ में गुरुवार (14 जुलाई 2022) को बिहार पुलिस ने इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ऑफिस पर छापा मारा। इसके बाद इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पटना पुलिस ने इसकी जानकारी दी। इस दौरान पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तुलना पीएफआई से कर दी। इसको लेकर अब बीजेपी ने उनसे माफी की माँग की है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एसएसपी को तुरंत बर्खास्त करने की माँग करते हुए बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा, “उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और वो अब दिवालिया हो चुके हैं। ऐसे व्यक्ति को एसएसपी के रूप में मिनट भी नहीं रखना चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारी पर अपनी मर्यादा के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस अधिकारी को बड़बोला और बददिमाग करार दिया। साथ ही कहा कि इनके इस पद पर रहने से शहर की कानून व्यवस्था और माहौल बिगड़ रहा है। सीएम इस पर संज्ञान लें।”
#WATCH | “They used to mobilize youth from mosques & madrasas towards radicalization. Their modus operandi was to act like an RSS Shakha where lathi training is given…they would call them for physical training but also brainwash & radicalize them,” says SSP Patna, Manavjit Singh pic.twitter.com/F6U1wZOwC1
— ANI (@ANI) July 14, 2022
मनोज शर्मा ने आरएसएस को राष्ट्र निर्माण करने वाली संस्था करार दिया और कहा कि शाखाओं में भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मजबूत करने की ट्रेनिंग दी जाती है। वहीं भाजपा पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने एसएसपी के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीति करना है तो पद से इस्तीफा दें और राजनीति में आएँ।
मनोज शर्मा ने आगे कहा, “आरएसएस एक राष्ट्र निर्माण करने वाली संस्था है। यहाँ भारतीय संस्कृति और सभ्यता सुदृढ़ करने की ट्रेंनिग दी जाती है। यहाँ लोगों में एकता और अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है। पटना एसएसपी को एक बार आरएसएस के शाखा में जाकर ट्रेंनिग लेनी चाहिए, तब उन्हें पता चलेगा कि आरएसएस में किस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है।”
एसएसपी ने क्या बोला
गौरतलब है कि पीएफआई के दफ्तर पर छापेमारी के बाद पटना पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा, “इसका जो मोडस था कि ये लोग, जैसे शाखा होती है, आरएसएस अपनी शाखा ऑर्गेनाइज करते हैं, और लाठी की ट्रेनिंग देते हैं, उसी तरह से ये लोग शारीरिक शिक्षा के नाम पर युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे थे। उसी के साथ अपना एजेंडा और प्रोपेगेंडा के जरिए युवकों का ब्रेनवाश कर रहे थे।”