हिन्दू त्योहारों को बदनाम करने की साजिश नई नहीं है। मीडिया, तथाकथित बुद्धिजीवियों और सेलब्रिटीज का एक गिरोह है जो लगातार इसी काम में लगा रहता है। बीच-बीच में कुछ ब्रांड्स भी हिन्दुओं को ही निशाना बनाते हैं। अब इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है ‘Bharat Matrimony’ का, जो शादी-विवाह के लिए मैच कराने वाला प्लेटफॉर्म है। लोग इसके बॉयकॉट की माँग कर रहे हैं। कारण – इसने होली को महिला विरोधी त्योहार बताया।
इस वीडियो के कैप्शन में ‘Bharat Matrimony’ ने दावा किया कि कई महिलाओं ने होली खेलना बंद कर दिया है, क्योंकि उन्हें इस दिन प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। साथ ही होली के दिन ‘महिला दिवस’ बनाने की अपील की गई और इस त्योहार को महिला सुरक्षा के खिलाफ बताने का प्रयास किया गया। वीडियो में दिखाया गया है कि रंग लगाए जाने के बाद एक महिला अपना चेहरा धो रही होती है, लेकिन उसके आँख के पास एक काला निशान बन गया होता है जो नहीं जाता है।
Jih@di Bharat Matrimony. #BoycottBharatMatrimony pic.twitter.com/GXV7SJWuBD
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) March 8, 2023
साथ ही वीडियो में लिखा गया कि कुछ रंग आसानी से नहीं जाते हैं और होली के दौरान प्रताड़ना के कारण महिलाओं को मानसिक जख्म का सामना करना पड़ता है। साथ ही बिना किसी सबूत ये आँकड़ा बताया गया कि इस कारण एक तिहाई महिलाओं ने होली मनाना बंद कर दिया है। इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने इस दौरान ‘Bharat Matrimony’ का एक पुराना ट्वीट शेयर किया, जो उसने ईद के दौरान किया था। इस ट्वीट में उसने मुस्लिमों को बिना कोई ज्ञान देते हुए मुबारकबाद दी थी।
हिन्दू त्यौहार आते ही उसके दुश्मन एक दम अलर्ट होकर उसके पिछे पड़ जाते हैँ..!!
— विनोद बंसल Vinod Bansal (@vinod_bansal) March 8, 2023
जो समाज 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता..' को अपना ध्येय वाक्य मानता हो, उसको…!!#BoycottBharatMatrimony
इतना ही नहीं, ‘भारत मैट्रिमोनी’ ने ईद के दौरान एक खुश महिला की तस्वीर भी डाली थी, जो बुर्के में थी। बता दें कि हिजाब के खिलाफ ईरान जैसे इस्लामी मुल्कों में ही महिलाओं ने लाखों की संख्या में सड़क पर आकर शरीयत का विरोध किया। कई महिलाओं ने भी लिखा कि वो वर्षों से होली मनाती आ रही हैं और उन्हें ऐसी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। VHP के प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी लिखा कि हिन्दू त्योहार आते ही ये लोग सक्रिय हो जाते हैं लेकिन मदरसों व चर्चों में हो रहे व्यभिचार पर चुप रहते हैं।