पशु अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का दावा करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था PETA जहाँ एक तरफ हिन्दू घृणा का प्रदर्शन करते हुए हिन्दुओं के हर एक त्यौहार को बदनाम करने की कोशिश करती है, वहीं दूसरी तरफ इस्लाम के त्यौहारों को लेकर चुप रहती है। PETA इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर PETA यूएस द्वारा रिकमेंड किए गए एक कंटेंट को प्रमोट किया है, जो इस्लाम और ख़ास समुदाय से जुड़ा हुआ है।
PETA की वेबसाइट पर ‘एनिमल इस्लाम’ नामक एक वेबसाइट का प्रचार किया गया है और कहा गया है कि यहाँ उन लोगों की मदद के लिए एक उम्दा कंटेंट्स हैं, जो जानवरों को मारने में विश्वास नहीं रखते हैं। उसने समुदाय विशेष के उन लोगों को इस वेबसाइट पर विजिट करने की सलाह दी है, जो अपने समुदाय के भीतर इस्लामी विधि के हिसाब से दया और करुणा को बढ़ावा देना चाहते हैं। साथ ही उसने दावा किया कि उसकी हेल्प टीम ईद पर भी जानवरों को बचाने के लिए 24 घंटे कॉल पर उपलब्ध है।
साथ ही उसने जानवरों को मारने के लिए भी कई विधियाँ बताई हैं। ये आश्चर्यजनक है क्योंकि PETA उन हिन्दुओं को शाकाहारी बनने की सलाह देता है, जिनमें से कई पहले से ही शाकाहारी हैं और सामान्यतः उनके किसी भी त्यौहार में जीव-हत्या नहीं होती। लेकिन जब बात इस्लाम की आती है तो PETA जानवरों को मारने की विधि बताने लगता है। फिर वो शाकाहार की बातें क्यों करता है?
PETA ने जानवरों की हत्या करते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस सम्बन्ध में सलाह जारी किया हुआ है। हिन्दुओं को शाकाहारी बनने की शिक्षा देने वाला PETA समुदाय विशेष को जानवरों को किन विधियों से मारने की सलाह देता है, वो देखिए:
- जानवरों को मारते समय एकदम सावधानी से हैंडल करें। किसी भी प्रकार का तनाव या क्रूरता हराम है। इससे गलत तरीके से खून निकलने लगेगा और माँस भी ठीक तरह का नहीं मिलेगा। एक जानवर को मारते समय वहाँ दूसरे जानवर को न रखें, ताकि वो एक-दूसरे की हत्या को देख नहीं पाएँ।
- चाकू की धार को एकदम तेज़ कर के रखें। उसे बार-बार धार दें। उसकी लम्बाई ठीक रखें। इसकी लम्बाई 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए। चाकू को जानवरों को न देखने दें, नहीं तो वो डर जाएँगे।
- जानवर को ‘क्विब्ला’ की दिशा में रखें। उसकी गर्दन को किसी छेद या नाले में रख कर उसे मारें ताकि खून वहीं बह जाए। जानवर के ऊपर खड़ा नहीं हों। अगर जानवर बड़े आकार का है तो उसकी हत्या करते समय लोगों की मदद लें, जो उसके पाँवों को पकड़ सकते हैं।
- काफी अच्छे तरीके से जानवर की हत्या करें। तीन से ज्यादा बार वार न करें। गले के पास जितनी भी नसें हैं, उन सबको काट डालें। साँस और भोजन की नली को काट डालें। उस समय ‘क़ुर्बानी की दुआ’ पढ़ते रहें। जानवर को हाथ-पाँव मारने दें, ताकि खून जल्दी-जल्दी निकल जाए।
- ये याद रखें कि किसी की भी जान लेना सिर्फ अल्लाह के हाथ में है। हम अल्लाह द्वारा बनाई गई दुनिया का एक हिस्सा हैं, इसीलिए ज़िंदा रहने के लिए हम ऐसा करते हैं। दूसरे जीवों की तरह हमें भी अपना अस्तित्व बचाना है।
- जानवर को काटने के बाद 6 मिनट तक उसका खून बहने दें। भेंड़ या बकरों के मामले में 5 मिनट तक ब्लीडिंग होने दें।
- दूसरे जानवर को काटने से पहले खून को एकदम साफ़ कर दें क्योंकि खून की गंध से दूसरे जानवरों को तनाव होता है।
- याद रखें कि ये जानवर अल्लाह द्वारा बनाए हुए हैं और जन्नाह (जन्नत) जाते हैं। अगर हम उसके साथ बुरा व्यवहार करते हैं तो इसके लिए हमें जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
So @PetaIndia recommends a ‘resource’ set up by PETA US to know more about the ‘Islamic Teachings On Compassion’. I did. Producing the screenshots with no comments. pic.twitter.com/x2tLPJlxyL
— Shefali Vaidya. (@ShefVaidya) July 20, 2020
PETA ने खास मजहब के लिए जानवरों को काटने का सबसे बेहतरीन तौर-तरीका बताया है। साथ ही सलाह दी है कि क़ुरबानी से पहले जानवरों को खरीदें और उनका पालन-पोषण करें, फिर देखें कि आप उन्हें काट सकते हैं या नहीं। PETA ने खास मजहब को कहा है कि अगर आप उन जानवरों को नहीं काट सकते तो किसी को नहीं काटें। लेकिन, फिर भी काटने को लेकर तौर-तरीके बताए गए हैं।
शेफाली वैद्य ने PETA की वेबसाइट के स्क्रीनशॉट्स शेयर कर के उसके दोहरे रवैये का खुलासा किया। उन्होंने ऑपइंडिया को बताया था कि PETA ने पिछले 48 घंटों मे सारा का सारा ध्यान उन्हें ट्रोल करने में लगाया है और इसके सिवा कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय संस्था एक महिला को निशाना बनाने में अपनी सारी ऊर्जा खर्च कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि PETA एक ट्रोल के सिवा कुछ नहीं है।
शेफाली वैद्य ने इस दौरान PETA को दी गई चुनौती पर भी बात की, जिसमें उन्होंने ईद पर उसके द्वारा बैनर लगाने पर शाकाहारी बन जाने की बात कही थी। शेफाली ने कहा कि उनकी चुनौती का जवाब देने कि बजाए PETA दुनिया भर की बातें कर रहा है और ट्रोलिंग में लगा हुआ है। शेफाली वैद्य का सवाल था कि आखिर 2 दिन से एक इंटरनेशनल इन्स्टिट्यूशन एक प्राइवेट इन्डविजूअल को निशाना बनाने में क्यों लगा हुआ है?