दिल्ली से हाथरस जाते हुए 4 PFI सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद अब मामले का जामिया यूनिवर्सिटी से कनेक्शन सामने आया है। पुलिस का कहना है कि मथुरा के पास टोल प्लाजा से गिरफ्तार होने वाले 4 युवक यूपी में दंगे कराने की साजिश कर रहे थे और इनमें एक मसूद अहमद नाम का युवक PFI का मास्टरमाइंड है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में ही नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों में भी PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया शामिल था।
मसूद अहमद के बारे में मौजूदा जानकारी के अनुसार, वह बहराइच जिले के जरवल रोड के मोहल्ला बैरा काजी का रहने वाला है और दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एलएलबी का छात्र है। इसके अलावा, जामिया का यह छात्र मसूद अहमद 2 साल पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की स्टूडेंट विंग कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) से जुड़ा था।
बता दें कि पीएफआई सदस्यों में बहराइच निवासी मसूद अहमद के शामिल होने की सूचना पाते ही स्थानीय पुलिस सक्रिय हो गई है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक बहराइच पुलिस का कहना है कि ये इलाका इंडो-नेपाल सीमा से सटा हुआ है और पिछले कुछ समय में पीएफआई से जुड़े कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
Four persons who were on their way to Hathras from Delhi apprehended from Mathura yesterday. They were found to have links with Popular Front of India (PFI): UP Additional Director General of Police (Law and Order) Prashant Kumar pic.twitter.com/32Hnb4JTHA
— ANI UP (@ANINewsUP) October 6, 2020
पुलिस ने पकड़े गए लोगों के पास से हाथरस कांड से जुड़ा भड़काऊ लिटरेचर भी बरामद किया है और इनके मोबाइल, लैपटॉप जब्त किए गए हैं। ऐसे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यूपी और देश के भीतर जातीय और सांप्रदायिक दंगे फैलाने के लिए भारत-नेपाल सीमा पर पीएफआई की क्या गतिविधियाँ चल रही हैं?
इसके अलावा पुलिस ने यह भी बताया है कि पूरे मामले में विदेशी फंडिग की बात की जा रही है। इसलिए इस कोण के साथ भी जाँच चल रही है। पुलिस ने कहा है कि अगर आगे जरूरत पड़ी तो जाँच एजेंसियों का सहारा लेकर भी मामले की तह तक पहुँचा जाएगा।
पुलिस ने पीएफआई जैसे संगठनों को सांप्रदायिक तनाव फैलाने और समाज में तोड़ने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान भी इस संगठन से जुड़़े लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
उल्लेखनीय है कि हाथरस मामले में पुलिस ने चंदपा थाने में जाति आधारित संघर्ष की साजिश रचने और सरकार की छवि को बिगाड़ने के प्रयास के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। प्रदेश भर में अब तक इस बाबत 21 मामले दर्ज हो चुके हैं।
एडिशनल डीजीपी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक, हाथरस मामले में जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज 6 मुकदमों के अलावा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज, हाथरस, अयोध्या, लखनऊ आयुक्तालय में कुल 13 मामले दर्ज किए गए हैं।