भारत सरकार ने इस्लामी कट्टरपंथी संगठन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) को 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया है कि कैसे केंद्रीय जेंश एजेंसियों द्वारा संगठन के ठिकानों पर की गई छपेमारी में कई भड़काऊ मटेरियल मिले। इसमें प्रमुख है एक ब्राउचर और एक सीडी, जिसका नाम है – ‘मिशन 2047’, अर्थात आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को एक इस्लामी मुल्क में तब्दील कर देना।
ये दस्तावेज महाराष्ट्र में PFI के ‘राज्य उपाध्यक्ष’ के यहाँ छापेमारी के दौरान जब्त किए गए। साथ ही राज्य में PFI के ‘प्रदेश अध्यक्ष’ के यहाँ से भी ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई दस्तावेज मिले। कर्नाटक और तमिलनाडु में संगठन के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान अवैध रूप से इकट्ठा किए गए कैश भी मिले। PFI द्वारा IED विस्फोटक तैयार करने के लिए भी मुस्लिम कट्टरपंथियों को प्रशिक्षित किया जा रहा था।
साथ ही कई ऐसे पेन ड्राइव मिले, जिसमें खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन ISIS के कई वीडियो थे। उत्तर प्रदेश में संगठन के ठिकानों पर ‘गजवा-ए-हिन्द’ से जुड़े कई वीडियो मिले। तमिलनाडु में PFI के लोकेशंस पर छापेमारी के दौरान मरीन रेडियो सेट्स भी जब्त किए गए, जिससे पता चलता है कि समुद्र में भी ये सक्रिय थे। तमिलनाडु और केरल में संगठन की खासी उपस्थिति है, जहाँ PFI सरगनाओं की गिरफ्तारियों के बाद जम कर हिंसा हुई। इस हिंसा में भाजपा-RSS कार्यकर्ताओं और सरकारी संपत्ति को जम कर नुकसान पहुँचाया गया।
सबसे बड़ी बात तो ये कि जो PFI का अध्यक्ष ओमा सलाम है, वो केरल में बिजली विभाग में सरकारी अधिकारी है। उसे निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि वो सरकार से वेतन उठाने के साथ-साथ ही ये संगठन भी चला रहा था और अक्सर विदेश यात्राओं पर जाया करता था। उसके करीबी मोहम्मद इस्माइल के पास से मिली एक डायरी में भारत में गृह युद्ध कराने की साजिश का जिक्र है। संगठन के ‘नाशना सेक्रेटरी’ नजरुद्दीन एलमारम के खिलाफ 2009 से ही 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार SIMI नाम के इस्लामी संगठन को बैन कर चुकी है, जिसके अधिकतर लोग PFI का हिस्सा बन गए। ऐसा ही एक कट्टरपंथी है पी कोया। वो PFI का ‘नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल’ का सदस्य था। उसने राजस्थान में गुज्जर और माली समुदाय को भड़का कर अपने इस्लामी एजेंडे को साधा। उसे और उसके करीबी अब्दुल रहिमन (PFI का ‘उपाध्यक्ष’) को अलकायदा से जुड़े तुर्की के संगठन IHH ने आमंत्रित किया था।
#PFI banned: IED-making manuals, brochures on 'Mission 2047' seized during pan-India crackdown, claim probe agencies
— DNA (@dna) September 28, 2022
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ये लोग SIMI से जुड़े ‘करुणा फाउंडेशन’ का भी हिस्सा थे। जहाँ पी कोया 1978-79 में SIMI का सक्रिय सरगना हुआ करता था, वहीं रहिमन 1984 में संगठन का ‘ऑल इंडिया जनरल सेक्रेटरी’ था। इसी तरह PFI का एक अन्य सरगना अनीस अहमद जम कर आतंकी संगठन हमास की तारीफ करता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि इनके अपराध गिनाने में कई पन्ने लग जाएँगे। साथ ही इनका सामान्य मुस्लिमों के हितों से कोई सरोकार नहीं है।