उत्तर प्रदेश के कानपुर में सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी को कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) की ओर से धमकी भरा पत्र मिला है। कौसर के अनुसार उर्दू भाषा में लिखे गए इस पत्र में पीएफआई ने उनका सिर कलम करने की बात कही है। उन्होंने पुलिस में अपनी शिकायत दी और पड़ताल में पुलिस ने पाया कि वाकई पत्र में धमकी दी गई है।
खबरों के अनुसार, परमपुरवा निवासी कौसर हसन, सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के साथ-साथ एसआरए पब्लिक स्कूल के संचालक हैं। पिछले कुछ माह से वह लगातार संदिग्ध गतिविधियों के लिए कुख्यात पीएफआई पर बैन लगाने की मुहीम चला रहे हैं। साल 2020 के नवंबर में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इस संगठन को प्रतिबंधित करने की बात कही थी।
इसके बाद कौसर के सूफी इस्लामिक बोर्ड ने संगठन के ख़िलाफ़ हैशटैग भी चलावाया, जो काफी समय तक इंटरनेट पर नजर आया। उन्होंने संगठन प्रतिबंध के अलावा सोशल मीडिया भी बैन किए जाने की माँग की।
अब महीनों बीत जाने पर इस संबंध में मजीदी के घर में डाक से पत्र आया। पत्र कमाल खान पीएफआई ऑफिस नाम से भेजा गया। पत्र में उन्हें गद्दार बताते हुए भाजपा और संघ जैसे काम करने, विरोध प्रदर्शन करने और अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए माफी माँगने की बात कही गई। साथ ही कहा गया कि यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनका सिर कलम कर दिया जाएगा और जनाजे के लिए तरसना पड़ेगा।
न्यूज 18 के अनुसार, कौसर ने यह पत्र पढ़ कर सुनाया। उन्होंने कहा, “पिछले कई महीने से तुझे बराबर समझाया जा रहा है, लेकिन तू और तेरा सूफी इस्लामी बोर्ड अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। तुझे अच्छी तरह से मालूम है कि पीएफआई, कौम के मजलूमों और कमजोर लोगों की पहचान है। ये कोई खास मसलक की तंजीम नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान के मुसलमानों की आवाज है।”
पत्र में आगे लिखा गया, “तेरे जरिए बार-बार ऐसे काम किए जा रहे हैं, जो भाजपा और संघ करती है। कभी तू उलेमा के खिलाफ लिखता है, कभी दावते इस्लामी के खिलाफ तहरीक चलाता है और अब तेरे हाथ पीएफआई तक पहुँच गए। हजरत सरवर चिश्ती साहब का पुतला फूँक कर तू ये समझ बैठा है कि दुनिया फतह कर ली। अभी भी वक्त है, समझ जा वरना तेरा अंजाम भी वही होगा, जो गद्दारों का होता है। यानी सिर तन से जुदा हो जाएगा। इस खत के जरिए तुझे आगाह किया जा रहा है कि अभी भी मौका है।”
इसमें कौसर को यह भी कहा गया है, “तौबा कर और अपने सदर मन्सूर खान और मुफ्ती वसीम अशरफ से भी तौबा करवा दे, वरना तुम तीनों जनाजे के लिए तरस जाओगे।”
गौरतलब हो कि इस संबंध में मजीदी ने पुलिस को सूचित कर दिया है। पुलिस भी पत्र भेजने वालों की जाँच कर रही है। अभी तक की जाँच में पता चला है कि भेजे गए पत्र में वाकई धमकी भरी शब्द हैं। मामले की जाँच हो रही है।मजीदी के घर के बाहर पुलिस को तैनात कर दिया गया है।