अफगानिस्तान में सरकार और कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकी संगठन तालिबान के बीच जारी संघर्ष को कवर करने के दौरान शुक्रवार को तालिबान ने रॉयटर्स के पुरस्कार विजेता फोटो-पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी थी। सिद्दीकी की मौत के बाद माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अजीब घटनाएँ देखने को मिल रही हैं।
एक सोशल मीडिया यूजर ने बताया कि दानिश का वो प्रसिद्ध ट्वीट, जिसमें उन्होंने हिंदू मृतकों के अंतिम संस्कार की तस्वीरों को साझा किया था, अब वो ‘उपलब्ध नहीं’ है।
How come the very famous insensitive tweet of #DanishSiddique showing pictures of Hindu cremation
— krithika sivaswamy (@krithikasivasw) July 17, 2021
is suddenly deleted now ? pic.twitter.com/IIzh9wpLcT
जब भी कोई दानिश सिद्दीकी के उस ट्वीट में दी गई रिप्लाई को पढ़ने के लिए उस पर क्लिक करता है तो ट्विटर कहता है कि यह ट्वीट उपलब्ध नहीं है।
रजनीश शर्मा ने सिद्दीकी पर ‘हमारे लोगों की मौत’ का मजाक बनाने का आरोप लगाया था और कहा था कि भगवान के दरबार में सबका हिसाब रखा जाता है। सिद्दीकी की मौत के बाद उनका ट्वीट वायरल होने के बाद शर्मा ने कहा कि वह बेहद दुखी थे, क्योंकि उन्हें पहली लहर के दौरान चार दिनों के भीतर अपनी पत्नी और पिता का अंतिम संस्कार करना पड़ा था।
हालाँकि, यह केवल अंतिम संस्कार की चिता का ट्वीट नहीं है जो अनुपलब्ध दिखाई देता है। जब कोई दानिश सिद्दीकी के किसी भी ट्वीट थ्रेड पर क्लिक करता है तो पिछले ट्वीट ‘अनुपलब्ध’ दिखाई देता है।
जब कोई प्रतिबंधित ट्वीट के ‘अधिक जानें’ टैग पर क्लिक करता है, तो ट्विटर का ‘हेल्प‘ सेक्शन खुल जाता है, जहां विभिन्न स्तरों के लिए स्पष्टीकरण दिया गया है। हालाँकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ट्वीट को प्रतिबंधित क्यों किया गया है।
ऐसा लगता है कि जैसे ट्विटर ने उस ट्वीट को ही सेंसर कर दिया है, जिसके बारे में सवाल किए जा रहे हैं। हालाँकि, इसके ‘हेल्प’ सेक्शन में दिया गया स्पष्टीकरण ट्वीट पर ‘अनुपलब्ध’ टैग के बारे में अधिक जानकारी नहीं देता है। यह एक गलती भी हो सकती है जिसे पहले ही ठीक किया जा सकता था, क्योंकि दानिश सिद्दीकी के सभी ट्वीट एक ही तरह से ‘अनुपलब्ध’ दिखाई दे रहे हैं।
यह संभव है कि ट्विटर बग के कारण उनके ट्वीट अनुपलब्ध दिख रहे हों, या ये भी हो सकता है कि क्योंकि वो एक संघर्ष क्षेत्र में मारा गया है, इसलिए ट्विटर उसके ट्वीट्स को सेंसर कर रहा है। हालाँकि, ऐसा लगता है कि किसी पत्रकार के अकाउंट के साथ ऐसा नहीं किया गया है।
बता दें कि दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा अफगान बलों के साथ संघर्ष के दौरान मारा गया था। वह युद्ध से तबाह हुए देश में अफगान सुरक्षाबलों के साथ जुड़कर एक रिपोर्टिंग असाइनमेंट पर थे। वह कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में मारे गए थे।
भारत में कोविड -19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान सिद्दीकी विवाद के केंद्र में थे, जब मीडिया में अंतिम संस्कार की चिता की असंवेदनशील तस्वीरें छपी थीं। असंवेदनशील होने के कारण तस्वीरों की व्यापक रूप से आलोचना हुई थी। हालाँकि, तस्वीरों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी सराहना भी की गई थी।