कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि पहले सिर्फ छोटे बिजनेसमैन पर कर्ज चुकाने का दबाव रहता था, लेकिन अब बड़े कारोबारियों को भी कर्ज़ लौटाने की चिंता रहती है। बैंकिंग सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा:
“पहले सिर्फ छोटे बिजनेसमैन पर कर्ज़ चुकाने का दबाव रहता था। अब बड़े कारोबारियों को भी कर्ज़ लौटाने की चिंता रहती है। तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज़ रिकवर हो चुका है। सरकारी बैंकों की भलाई है कि 2.6 लाख करोड़ रुपए का रि-कैपिटलाइजेशन किया गया है।”
गोयल ने देश की जीडीपी की चर्चा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी लाकर सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाए गए हैं। उन्होंने कहा:
“2008 से 2014 का समय कर्ज़ के क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं रहा। सरकारी बैंकों की नॉन परफॉर्मिंग असेट्स उस कार्यकाल में बढ़ गई थीं। ये 2014 में 5.4 लाख करोड़ थीं। हमारी सरकार में यह दम था कि हम आरबीआई को कहें कि इन सभी कर्ज़ों को देखें और बैंकों की सही स्थिति देश के सामने रखें।”
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— News18 India (@News18India) February 1, 2019
उन्होंने अपने सरकार के पारदर्शी होने का दावा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाई है। उन्होंने कहा कि रेरा कानून और बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता आई है। देश के आर्थिक भगोड़ों को चेतावनी देते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री ने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधी अब बच नहीं सकते।