प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का एक शॉर्ट वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) और टाटा संस के स्थापक जमशेद जी टाटा (Jamshed Ji Tata) के बीच के संवाद का जिक्र किया है।
प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा इस वीडियो में बोली गई बातों पर सवाल उठाते हुए उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, पीएम मोदी ने इस वीडियो में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने जमशेदजी टाटा को उद्योग स्थापित करने की सलाह दी थी।
वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह हैं, “जिसको मालूम होगा कि स्वामी विवेकानंद और जमशेद जी टाटा के बीच जो संवाद हुआ, जो दोनों के बीच पत्र-व्यवहार हुआ, वो किसी ने देखा होगा तो पता चलेगा कि उस समय गुलाम हिंदुस्तान था, तब भी विवेकानंद 30 साल का नौजवान, जमशेदजी टाटा जैसे व्यक्ति से कह रहा ह कि भारत में उद्योग लगाओ ना, मेक इन इंडिया बनाओ ना।”
यह वीडियो कुछ साल पहले का है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण के वर्षगाँठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा था कि स्वामी विवेकानंद ने मेक इन इंडिया की प्रेरणा जमशेदजी टाटा को दी थी।
इस वीडियो के वायरल कर पीएम को ट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। आसिफ रहमान नाम के एक व्यक्ति ने ट्वीट में तंज कसते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद ने 6 साल की उम्र में जमशेदजी टाटा से मेक इन इंडिया के लिए अनुरोध किया था। जमशेदजी ने 1869 में कपड़ा उद्योग में कदम रखा था और स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में हुआ था।”
Swami Vivekananda at the age of 6 requested Jamshedji Tata for make in India 🙄🙄
— Asif Rahman (@Asifrahmanmolla) October 18, 2022
Jamsetji made his move into textiles in 1869
Swami Vivekananda, born 1863 pic.twitter.com/2BkIcc3Q9a
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के जिस पत्र-व्यवहार का जिक्र कार्यक्रम में संबोधन के दौरान किया था, उसका जिक्र टाटा स्टील ने भी किया है। साल 2018 में टाटा स्टील ने एक ट्वीट कर इस पत्र-व्यवहार के बारे में बताया और उस पत्र की अर्काइव को भी साझा किया।
टाटा स्टील ने अपने ट्वीट में कहा था, “स्वामी विवेकानंद की 155वीं जयंती पर हम उन दिनों में वापस जाते हैं, जब हमारे संस्थापक जमशेदजी टाटा स्वामी जी से मिले थे। वे 1893 में जापान से शिकागो के लिए एक जहाज पर एक साथ यात्रा कर रहे थे। वह पत्र पढ़िए, जो जेएन टाटा ने स्वामीजी को लिखा था।”
On the 155th birth anniversary of #SwamiVivekananda, we go back to the days when our founder Jamsetji Tata met Swamiji while they were traveling together in 1893 on a ship to Chicago from Japan. Read through the letter that JN Tata wrote to Swamiji – https://t.co/8p0Ye4VH1p pic.twitter.com/kHEcMWN7kw
— Tata Steel (@TataSteelLtd) January 12, 2018
दस्तावेजों के अनुसार, साल 1893 में स्वामी विवेकानंद शिकागो के धार्मिक सम्मेलन में शामिल होने पानी के जहाज से जा रहे थे। उसी जहाज में जमशेदजी नसरवानजी टाटा भी सवार थे। इस यात्रा के दौरान दोनों में लंबी बातचीत हुई थी। कहा जाता है कि इस दौरान स्वामी विवेकानंद को जमशेदजी ने बताया था कि वे भारत में स्टील फैक्ट्री स्थापित करना चाहते हैं।
इस स्वामी विवेकानंद ने उन्हें टेक्नोल़ॉजी ट्रांसफर करने का सुझाव दिया था। उनसे कहा था कि अगर ऐसा करेंगे तो भारत किसी पर निर्भर नहीं रहेगा और भारत के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। तब जमशेद जी ने ब्रिटेन के उद्योगपतियों से बात की, लेकिन वे टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए तैयार नहीं हुए। बाद में जमशेद जी अमेरिका गए और वहाँ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का भी समझौता किया।
कहा जाता है कि इस यात्रा में स्वामी विवेकानंद ने जमशेद जी टाटा को वर्तमान झारखंड के लौह खनिज संपदा और संसाधनों की जानकारी दी थी। इसके लिए उन्होंने सिंहभूम में ही फैक्र्ट्री लगाने की भी सलाह दी थी। इसके बाद साल 1907 में सिंहभूम में जमशेदपुर में टाटा स्टील की नींव रखी गई। साल 1898 में जमशेदजी ने स्वामी विवेकानंद को पत्र भी लिखा था, जिसे टाटा स्टील ने अपने ट्वीट के जरिए सार्वजनिक किया है।
दरअसल, जिस कपड़ा उद्योग का जिक्र करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झूठा साबित करने की कोशिश की जा रही है, वह सन 1868 का है। इसी जमशेदजी ने 21000 रुपए से खुद का व्यवसाय शुरू किया और उन्होंने एक दिवालिया तेल कारखाना खरीदा। बाद में इसे एक रुई के कारखाने में तब्दील कर दिया और उसका नाम बदल कर रखा एलेक्जेंडर मिल (Alexender Mill)। साल 1874 में उन्होंने नागपुर में एक रुई का कारखाना लगाया था।