उत्तराखंड के जोशीमठ, कर्णप्रयाग और उत्तकाशी (Joshimath, Uttarakhand Landslide) में भूमि धँसने और भूस्खलन की घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) से फोन पर बात की। इसके साथ ही PM इसको लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की और इसमें भू-धँसाव के कारणों और उसके उपायों पर चर्चा की।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात करते हुए पीएम मोदी ने उत्तराखंड को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। सीएम धामी ने कहा, “पीएम मोदी (PM Modi) ने मुझसे टेलीफोन पर बातचीत कर जोशीमठ की स्थिति के साथ-साथ लोगों के पुनर्वास और सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी ली।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के लोगों के विस्थापन के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए बारे में भी पीएम मोदी ने पूछा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की उन्होंने जानकारी साझा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जोशीमठ में हो रहे भू-धँसाव को लेकर पीएमओ लगातार संपर्क में हैं।
प्रधानमंत्री जी व्यक्तिगत रूप से जोशीमठ की स्थिति एवं क्षेत्र में सरकार द्वारा चल रहे सुरक्षात्मक कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं साथ ही उन्होंने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 8, 2023
वहीं जोशीमठ पर पीएमओ रविवार (8 जनवरी 2023) को एक उच्चस्तरीय बैठक कर रहा है। बैठक की प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा करेंगे। इसमें आज प्रधानमंत्री कार्यालय में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य शामिल रहेंगे। इसके साथ ही जोशीमठ जिला के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसमें जुड़े रहेंगे।
इस आपदा की चपेट में जोशीमठ शहर का 40 प्रतिशत हिस्सा चपेट में आ चुका है। राज्य सरकार ने टेक्निकल कमेटी का गठन किया है, जो भू-धँसाव से हुए नुकसान का आकलन कर रही है। वहीं, विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर खतरे में आए 500 मकानों के लोगों को पुनर्वासित किया जा रहा है। अब तक 116 परिवारों को हटाकर दूसरी जगह बसाया जा चुका है।
बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार (7 जनवरी 2023) को जोशीमठ का दौरा किया था और लोगों से मिलकर वहाँ की स्थिति जानी थी। इससे पहले उन्होंने करीब 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का निर्देश अधिकारियों को दिया था।