प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (29 सितंबर 2021) को कैबिनेट की बैठक ली। इस दौरान सरकार ने कई फैसले लिए। इसी में से एक पीएम पोषण स्कीम रही। सरकार ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। अब से इसके तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 11.2 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों के बच्चों को अगले पाँच साल तक फ्री में भरपेट भोजन प्रदान किया जाएगा। कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी दी।
क्या है पीएम पोषण योजना
केंद्र सरकार द्वारा पीएम पोषण योजना को मंजूरी दी गई है। ये योजना बिल्कुल मिड डे मील की तरह ही है। इसके तहत भी सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त में दिन का खाना दिया जाएगा। ताकि उन्हें कुपोषण जैसी समस्याओं से बचाने में मदद मिल सके। इसके लिए मोदी सरकार पाँच साल में 1.31 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस योजना के तहत मिड डे मील के अलावा भी बहुत कुछ जोड़ा जाएगा। इसी कारण इसका खर्च 1,31,000 करोड़ रुपए किया गया है।
खत्म हो जाएगी मिड डे मील योजना
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम पोषण योजना के अस्तित्व में आने के बाद अब मिड डे मील योजना समाप्त हो जाएगी औऱ उसकी जगह पर पीएम पोषण स्कीम के तहत बच्चों को दिन का भोजन प्रदान किया जाएगा।
केंद्र और राज्य मिलकर इस योजना का खर्च वहन करेंगे
पीएम पोषण योजना का खर्च वहन केंद्र और राज्य दोनों मिलकर करेंगे। हालाँकि, इन सब के बावजूद केंद्र सरकार की देयता इसमें सर्वाधिक ही रहेगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक, पीएम पोषण योजना के तहत केंद्र 60 फीसदी तो राज्य 40 फीसदी का योगदान देंगें। हालाँकि, पहाड़ी राज्यों में यह अनुपात 90:10 का होगा। वहीं गेहूँ और चावल की सारी सप्लाई का जिम्मा केंद्र सरकार का होगा। इससे राज्यों को फायदा होगा। उन्हें अधिक भार नहीं सहना पड़ेगा। इसके अलावा 11,20,000 से ज्यादा स्कूलों के करोड़ों छात्रों को इसका लाभ मिलेगा।