धर्म आस्था का विषय है, व्यक्तिगत विषय है। लेकिन शायद सबके लिए नहीं! कर्नाटक के बेलगाम (Belgaum) में एक मस्जिद में गई भीड़ के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। इस भीड़ के लिए नमाज पढ़ने से ज्यादा मस्जिद में नमाज पढ़ना जरूरी है। इस भीड़ के लिए जरूरी यह भी है कि देश अगर संकट के दौर से गुजर रहा हो तो भी अंधभक्ति को प्राथमिकता देना है।
#WATCH Police thrash people for violating #Coronaviruslockdown in Belgaum. The incident happened outside a Mosque when people were leaving after offering prayers. #Karnataka pic.twitter.com/tF9Vx4iqV5
— ANI (@ANI) March 26, 2020
संपूर्ण देश में लॉकडाउन का उल्लंघन कर कई लोग बेलगाम की मस्जिद में नमाज के लिए पहुँच गए। स्थानीय पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नमाज के बाद मस्जिद से निकलते समय डंडे से पिटाई की। कुछ लोग इस विडियो को “कर्नाटक में पुलिस की बर्बरता” कह कर शेयर कर रहे हैं। उनके लिए यह जानना जरूरी है कि लॉकडाउन के दौरान मंदिर-मस्जिद में भी जाना प्रतिबंधित है।
मामला सिर्फ बेलगाम की मस्जिद तक सीमित नहीं है। देहरादून के भी कुछ कट्टरपंथियों ने मस्जिद में जमा होकर नमाज पढ़ने की जिद ठान ली थी। पुलिस जब पहुँची तो डर कर भागे। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में तो हद ही कर दिया कट्टरपंथियों ने। लॉकडाउन के बाद भी भीड़ नमाज के लिए जुट गई। और तो और, समझाने पहुँची पुलिस से भी वहाँ की मस्जिद में जुटे नमाजी भिड़ गए।
लॉकडाउन के बाद भी मैनपुरी की मस्जिद में जुटे नमाजी, मौके पर पहुँची पुलिस से भिड़े
लॉकडाउन के बाद भी देहरादून की मस्जिद में जमा हुए नमाजी, पुलिस को देखते ही हुए फरार