Friday, November 15, 2024
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शाहीन बाग केस: पुलिस ने 7-8 लोगों को मंच से उठाया, सभी लंगर संचालक भी हिरासत में

पुलिस की इस कार्रवाई से प्रदर्शनकारियों को लगा कि शायद पुलिस रात के समय में वहाँ की लाइट काट दी जाएगी। इसलिए वो रात में विरोध-प्रदर्शन जारी रखने के लिए जनरेटर की व्यवस्था में जुटे हुए हैं।

नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ देशभर में हिंसक विरोध हो रहे हैं। इन जगहों में दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग का नाम पिछले लंबे समय से सुर्ख़ियों में छाया हुआ है। ताज़ा मामले में शाहीन बाग में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत पुलिस ने मंच से सात-आठ लोगों को पूछताछ करने के लिए अपने साथ पुलिस-स्टेशन ले गई है। पुलिस द्वारा इस कार्रवाई से नाराज़ प्रदर्शनकारी थाने पहुँच गए। 

सात-आठ लोगों को हिरासत में लिए जाने के बाद से इलाक़े में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। ख़बर के अनुसार, विरोध-प्रदर्शन करने वाली जगह पर पाँच लंगर चलते हैं। पुलिस ने लंगर संचालकों को भी हिरासत में लिया है। साथ ही पुलिस ने शाहीन बाग में लंगर के तंबू हटाए और सड़कों पर लगी दुकानों को हटाने की चेतावनी भी दी।

पुलिस की इस कार्रवाई से प्रदर्शनकारियों को लगा कि शायद पुलिस रात के समय में वहाँ की लाइट काट दी जाएगी। इसलिए वो रात में विरोध-प्रदर्शन जारी रखने के लिए जनरेटर की व्यवस्था में जुटे हुए हैं।

दरअसल, शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ क़रीब 40 दिनों से मुस्लिम महिलाएँ विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। इस दौरान एक ऐसा पोस्टर भी सामने आया था जो हिन्दू-विरोधी कल्पना से भरा था। इस पोस्टर में तीन महिलाओं को बुर्क़ा पहने और माथे पर बिंदी लगाए दिखाया गया था।

इसके अलावा, पोस्टर के नीचे, फ़ैज़ की कविता ‘हम देखेंगे’ शीर्षक से कुछ पंक्तियाँ भी लिखी हुई हैं। अंत में, हिन्दू स्वस्तिक को खंडित कर उसका विघटित रूप दर्शाया गया था। हिजाब पहने और माथे पर बिंदी लगाए महिलाओं के इस पोस्टर को देखकर ऐसा साफ लगता है कि मुस्लिम समुदाय हिन्दू महिलाओं को किस नज़रिए से देखता है।

मुस्लिम महिलाओं की इमेज के ठीक नीचे फैज़ की कविता का शीर्षक ‘हम देखेंगे’ तो लिखा था, लेकिन उसके नीचे की पंक्तियों को बदल कर नई पंक्तियों को गढ़ा गया। इसके अनुसार

जब ज़ुल्म-ओ-सितम मोदी-शाह के, 
खाक में मिल जाएँगे, 
जनता के एक इशारे पे,
सब कुर्सी से उतारे जाएँगे, 
लाज़िम है कि हम देखेंगे।    

इस पोस्टर के अंत में, हिन्दुओं के पवित्र स्वास्तिक चिन्ह को खंडित कर उसके विघटित रूप को दिखाया गया था। बता दें कि बीते दिनों CAA के ख़िलाफ़ हुए दंगों में देश ने मुस्लिमों की भीड़ का एक अलग ही चेहरा देखा गया। ये याद रखने वाली बात है कि खुद को भारत का नागरिक कहने वाले लोग एक तरफ देश में धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हैं, वहीं दूसरी तरफ ये लोग हिन्दुओं से आजादी की माँग कर रहे थे। और हिन्दू विरोधी नारों के साथ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली में हिंसा और दंगा कर रहे थे। ख़िलाफत 2.0 का संदेश दे रहे थे और ला इलाहा इल्लल्लाह के नारे लगा रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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